Every school will have a complaint box for children: हर विद्यालय में होगी बच्चों के लिए शिकायत पेटिका
Every school will have a complaint box for children: हर विद्यालय में होगी बच्चों के लिए शिकायत पेटिका

हर विद्यालय में होगी बच्चों के लिए शिकायत पेटिका: complaint box for children
जागरण लखनऊः complaint box for children
अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिकायत पेटिका लगाना अनिवार्य होगा, जहां बच्चे बिना डर और झिझक के अपनी समस्याएं लिखकर डाल सकेंगे। इस पहल का मकसद बच्चों की शिकायतों, पीड़ा और व्यथा को सुनना और समझना है।
प्रधानाध्यापक को प्रतिदिन इस पेटिका को खोलकर प्राप्त शिकायतों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही शिक्षक-अभिभावक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति को भी ऐसी शिकायतों के प्रति सजग रहकर त्वरित कार्यवाही के लिए प्रेरित किया गया है।
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बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि सभी विद्यालयों में छात्रों को मानसिक या शारीरिक दंड तथा उत्पीड़न से बचाने के लिए निरंतर जागरूक किया जाए। बच्चों में इतना विश्वास जगाया जाए कि वे अपने साथ घटने वाली किसी भी अनुचित घटना की शिकायत निडर होकर अपने अभिभावकों, शिक्षकों या अधिकारियों से कर सकें।
किसी भी घटना के सामने आने पर छात्रों या अभिभावकों को परेशान न किया जाए और न ही घटना को दबाने या सौदा करने का प्रयास किया जाए। पीड़ित विद्यार्थियों की तत्काल काउंसलिंग कर उनकी सुरक्षा और पढ़ाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हर माह शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक आयोजित कर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की जाएगी

प्रधानाध्यापक रोज खोलेंगे पेटिका करेंगे शिकायतों की जांच बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग गंभीर
और बिना किसी भेदभाव के उन पर कार्यवाही की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी और आवश्यकतानुसार प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। यदि विद्यालय मान्यताप्राप्त है और वह दोषी पाया जाता है, तो उसकी मान्यता या अनापत्ति प्रमाणपत्र रद किया जा सकता है।
वहीं, अनुदान प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध अनुदान प्रत्याहरण की कार्यवाही भी की जाएगी।
इसके अतिरिक्त किसी भी छात्र-छात्रा के साथ जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। भोजन, खेल, पेयजल या शौचालय जैसी सुविधाओं में सभी को समान अवसर मिलना सुनिश्चित किया जाएगा। यह भी निर्देश है कि हर शैक्षणिक सत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के माध्यम से शिक्षकों का संवेदीकरण और प्रशिक्षण यू-ट्यूब सेशन के जरिये अनिवार्य रूप से कराएं, ताकि विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
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