No teachers in school for two years… Government should explain the reason: Court: स्कूल में दो वर्ष से शिक्षक नहीं… कारण बताए सरकार : कोर्ट
No teachers in school for two years… Government should explain the reason: Court: स्कूल में दो वर्ष से शिक्षक नहीं… कारण बताए सरकार : कोर्ट

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Government should explain the reason: Court
प्रयागराज। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6-14 साल के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध होना मौलिक अधिकार है लेकिन चित्रकूट के मानिकपुर तहसील के रैपुरा गांव स्थित जूनियर हाईस्कूल में दो साल से एक भी अध्यापक नहीं है। इसे लेकर दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से 27 अक्तूबर तक जवाब मांगा है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने दिया है। रैपुरा निवासी राहुल सिंह पटेल ने जनहित याचिका दायर की है कि उनके गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल जूनियर हाईस्कूल विद्यालय राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त एडेड है। इसमें शिक्षकों के नौ पद स्वीकृत हैं लेकिन दो साल एक भी अध्यापक नहीं हैं।

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विद्यालय में शैक्षिक सत्र 2025-26 में कक्षा छह में 35, कक्षा सात में 46 और कक्षा आठ में 65 बच्चों का दाखिला है। विद्यालय में तीन चपरासी के पद स्वीकृत हैं जिनमें से दो रिक्त हैं। सिर्फ रामभवन नाम का एक चपरासी कार्यरत है उसी के भरोसे विद्यालय चल रहा है।
याचिका में कहा है कि 11 अगस्त 2025 को चित्रकूट के डीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था। प्रदेश सरकार की समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली/आईजीआरएस पर भी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद अधिवक्ता जगदीश सिंह बुंदेला के माध्यम से जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल कर अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की। ब्यूरो
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