Free scooties to 45 thousand meritorious girl students in the state: प्रदेश में 45 हजार मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी
Free scooties to 45 thousand meritorious girl students in the state: प्रदेश में 45 हजार मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी

READ THIS: HOLIDAY: एक नया नियम👉 दिन का चिकित्सा अवकाश तभी लिया जाएगा जब आपके पास आकस्मिक अवकाश उपलब्ध नहीं है।
लखनऊ। Free scooties:
प्रदेश में पहले चरण में 45 हजार मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने की तैयारी की जा रही है। विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्राओं को देने पर मंथन किया जा रहा है। रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना के तहत यह दी जाएगी। फिलहाल, उच्च शिक्षा विभाग इसके लिए नियम-कानून तैयार करने में जुटा हुआ है।
विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में कुल नौ लाख छात्राएं हैं। ऐसे में इसमें से टॉप पांच प्रतिशत मेधावी छात्राएं जो उच्च अंकों के लिए परीक्षा पास कर सेकेंड ईयर में पहुंची हैं, उन्हें यह दिया जाएगा। ऐसे में पांच प्रतिशत मेधावी छात्राओं की संख्या 45 हजार होगी। क्योंकि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहीं छात्राओं को मुफ्त स्कूटी दी जानी है, ऐसे में से मेधावी छात्राओं का चयन फर्स्ट ईयर के रिजल्ट के अनुसार ही किया जाएगा। जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहीं मेधावी छात्राओं को यह उपहार दिया जाएगा। स्नातक के परंपरागत पाठ्यक्रमों व प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में पढ़ रहीं छात्राओं का चयन उनकी संख्या के आधार पर किया जाएगा। जिस कोर्स में अधिक छात्राएं होंगी उन कक्षाओं की अधिक मेधावी छात्राएं स्कूटी पाएंगी

छात्राओं में स्कूटी पाने के लिए बढ़ेगी प्रतियोगिता : Free scooties
छात्राओं के बीच स्कूटी पाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सर्वाधिक मेडल छात्राओं के ही खाते में आते हैं। ऐसे में इनके बीच कड़ा मुकाबला होगा। फिलहाल सरकार की इस योजना से बेटियों के बीच श्रेष्ठ अंक लाने को को लेकर प्रतियोगिता बढ़ेगी।
बजट में सरकार ने की चार सौ करोड़ की व्यवस्था
बजट में राज्य सरकार ने 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। फिलहाल चरणबद्ध ढंग से इसका वितरण किया जाएगा। होनहार छात्राओं को स्कूटी दिए जाने का बेसब्री से इंतजार है। वहीं उनकी मेधा का सम्मान स्कूटी देकर जल्द किया जाए, इसकी तैयारी की जा रही है। उप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्रा कहते हैं कि उच्च शिक्षा में बेटियों की न सिर्फ संख्या अधिक है बल्कि मेडल हासिल करने में भी वह आगे रहती हैं। ऐसे में राज्य सरकार की इस योजना से वह और प्रोत्साहित होंगी।
YOUTUBE: LINK
WHATSAPP: LINK