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राष्ट्र गीत :विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा- Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara

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Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara||झंडा ऊंचा रहे हमारा||विजयी विश्व तिरंगा प्यारा||झंडा गीत||हिम्मत हारे मत बैठो||हमारा तुम्हारा वतन एक ही है

झंडा गीत विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा

[Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara]

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,

वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।। झंडा…।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में,

कांपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाए भय संकट सारा।। झंडा…।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,

बोलें भारत माता की जय,
स्वतंत्रता हो ध्येय हमारा।। झंडा…।

आओ! प्यारे वीरो, आओ।
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।। झंडा…।

इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,

विश्व-विजय करके दिखलाएं,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।। झंडा…।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
रचनाकाल : 1924

Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara
तिरंगा झंडा

 

राष्ट्रीय प्रतिज्ञा

राष्ट्रीय प्रतिज्ञा

भारत हमारा देश है,

हम सब भारतवासी भाई-बहन हैं

हमें अपना देश प्राणों से भी प्यारा है

इसकी समृद्धि संस्कृति  और विविध संस्कृत पर हमें गर्व है

हम इसके सुयोग्य  नागरिक बनने का प्रयत्न  सदा करते रहेंगे

हम अपने माता-पिता, शिक्षकों और  गुरुजनों का सदा आदर करेंगे

और सब के साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे

हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा करते हैं

उनके कल्याण और समृद्धि में ही हमारा सुख  निहित  है

जय हिंद

*********************

 

Our Pledge

Our Pledge

India is my country .

 all Indians are my brothers and sisters.

I love my country and I am proud of its

rich and varied heritage.

I shall always strive to be the worthy of it.

I shall give respect to my parents, teachers

and all elders and treat everyone with

courtesy to my country and my people.

I pledge my devotion in their well being

and prosperity alone lies my happiness

“Jay Hind”

Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara

 

हिम्मत हारे मत बैठो

हिम्मत हारे मत बैठो

जीवन में कुछ करना है, तो मन को मारे मत बैठो,

आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो|

जीवन में कुछ करना है…

चलने वाला मंजिल पाता, बैठा पीछे रहता है ,

ठहरा पानी चढ़ने लगता ,बहता निर्मल होता है |

पांव मिले चलने की खातिर, पांव पसारे मत बैठो,

आगे -आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||

जीवन में कुछ करना है….

तेज दौड़ने वाला खरहा, दो पल चल कर हार गया |

धीरे-धीरे चल कर कछुआ ,देखो बाजी मार गया |

चलो कदम से कदम मिलाकर ,दूर किनारे मत बैठो ,

आगे आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ||

जीवन में कुछ करना है….

धरती चलती तारे चलते, चांद रात भर चलता है,

किरणों का उपहार बांटने ,सूरज रोज निकलता है|

हवा चले तो महक बिखेरे,

तुम भी प्यारे मत बैठो,

आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो |

जीवन में कुछ करना है…

Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara

 

हमारा तुम्हारा वतन एक ही है

हमारा तुम्हारा वतन एक ही है

हमारा तुम्हारा वतन एक ही है

धरा एक ही है गगन एक ही है ||

ये  नदियां ये  झरने शिखर ऊंचे  ऊंचे

ये  रेती,ये  खेत,ये  ये जंगल -बगीचे

सुमन  एक ही है चमन एक ही है ||

हमारा तुम्हारा वतन……

बताओ यहाँ फ़र्क क्या तुमने देखा

खिंची है कहाँ पर विभाजन की रेखा

लगन एक ही है ,  भजन एक ही है ||

हमारा तुम्हारा वतन ….

Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara

हर करम अपना करेंगे ,हर करम अपना करेंगे

हर करम अपना करेंगे ,हर करम अपना करेंगे

[Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara]

हर करम अपना करेंगे ,हर करम अपना करेंगे

ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

हर करम अपना करेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

हर करम अपना करेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है

ए वतन महफूज मेरे तुझपे दिल कुर्बान है

ए वतन महफूज मेरे तुझपे दिल कुर्बान है

हम जियेंगे और मरेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम वतन हम नाम है

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम वतन हम नाम हैं

जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है

हम जियेंगे और मरेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां

लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां

लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां

लूट रहे हैं आज वह अपने घरों को लूट कर

लूट रहे हैं आज वह अपने घरों को लूट कर

खेलते हैं बेखबर अपने लोगों से होलिया

हम जिएंगे और मरेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

हम जियेंगे और मरेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

हर करम अपना करेंगे ए वतन तेरे लिए

दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए

Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara

 

संदेशे आते है हमें तड़पाते हैं

संदेशे आते है हमें तड़पाते हैं

[Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara]

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं

जो चिट्ठी आती है वह पूछे जाती है

फिर कब आओगे

लिखो कब आओगे

कि तुम बिन ये घर सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं

जो चिट्ठी आती है पूछे जाती है

कि घर कब आओगे

लिखो कब आओगे

कि तुम बिन ये घर सूना है

किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने

हमें खत लिखा है कि हमसे पूछा है

किसी की सांसो में किसी की धड़कन ने

किसी की चूड़ी ने  किसी के कंगन ने

किसी की कजरे ने किसी के गजरे ने

महकती सुबहो ने  की मचलतीशामो ने

अकेली रातों ने अधूरी बातों ने

तरसती बाहों ने

और पूछा है तरसी निगाहों ने

कि घर कब आओगे

कि घर कब आओगे

मोहब्बत वालों ने हमारे यारों ने

हमें यह लिखा है कि हमसे  पूछा है

हमारे गांव में हम आम की छांव ने

पुराने पीपल ने बरसते बादल ने

खेत खलियानों ने हरे मैदानों ने

बसंती बेलो ने झूमती  बेलो ने

लचकती झूलो ने कहकती फूलो ने

चटकती कलियों ने  और पूछा है गांव की गलियों ने

कि घर कब आओगे

कि घर कब आओगे

हो.. हो.. हो.. हो..

हो.. हो.. हो.. हो..

कभी एक ममता की प्यार की गंगा की

चिट्ठी आती है साथ वह लाती है

मेरे दिन बचपन के खेल वो आंगन के

वह साया आंचल का टीका तों का

वो लोरी  रातो ने वो नरमी हाथों ने

वह चाहत आंखों में वो चिंता बातों में

बिगड़ना ऊपर से मोहब्बत अंदर से

करे वह देवी मां

यही हर खत मे  पूछे  मेरी मां

कि कब आओगे

लिखो कब आओगे

कि तुम बिन आंगन सूना सूना है

ए गुजरने वाली हवा बता

मेरा इतना काम करेगी क्या

मेरे गांव जा मेरे दोस्तों को सलाम दे

मेरे गांव में है वह जो वह गली जहां रहती है मेरी दिलरुबा

उसे मेरे प्यार का जाम दे उसे मेरे प्यार का जाम दे

वहां से  थोड़ी दूर है घर मेरा उसी घर में है मेरी बूढ़ी मां

मेरी मां के पैरों को छू के तू उसके बेटे का नाम दे

ए गुजरने वाली हवा मेरे दोस्तों को, मेरी दिलरुबा,

मेरी मां को मेरा पैगाम दे उन्हें जाकर तो यह पैगाम दे

[Vijay Vishv Tiranga Pyara Jhanda Ucha Rahe Hmara]

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