TET: टीईटी से शिक्षकों को राहत देने का रास्ता तलाशने में जुटी सरकार
TET: टीईटी से शिक्षकों को राहत देने का रास्ता तलाशने में जुटी सरकार

लखनऊ: TET
शिक्षक बनने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश के लाखों शिक्षक चिंतित हैं। प्रदेश सरकार ऐसे शिक्षकों को राहत देने के विकल्प तलाश रही है, जिन्हें बिना टीईटी के नियुक्त किया गया था। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है और जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जल्द होगी बैठक
न्याय विभाग से भी इस विषय पर राय ली जा रही है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने, अन्य राज्यों के रुख को परखने और कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर को आदेश दिया था कि कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए सेवा में बने रहना और पदोन्नति पाना तभी संभव होगा जब वे टीईटी पास करेंगे। यह आदेश पूरे देश पर लागू होगा।
इस फैसले के बाद से प्रदेश के लाखों शिक्षक असमंजस में हैं।
कुछ शिक्षक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर राहत की मांग कर चुके हैं। शिक्षकों का कहना है कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत छूट दी गई थी।
अब वे चाहते हैं कि राज्य सरकार उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखे और आवश्यकता पड़ने पर नियमों या अधिनियम में संशोधन कराए ताकि पहले से कार्यरत शिक्षकों को राहत मिल सके। प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक बताई जा रही है, जिन्होंने अब तक टीईटी पास नहीं किया है। यही वजह है कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

YOUTUBE: https://www.youtube.com/@BasicShikshaBestShiksha
WHATSAPP: https://whatsapp.com/channel/0029Va59LNLCxoB5OB6czo0l
Basic Shiksha Best Shiksha
✍नोट :- इस ब्लॉग की सभी खबरें Google search से लीं गयीं, कृपया खबर का प्रयोग करने से पहले वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें, इसमें BLOG ADMIN की कोई जिम्मेदारी नहीं है, पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा!