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Education System:-आज की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता

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Education System:-आज की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता

Education System:-आज की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता

Education System:-भारत की शिक्षा प्रणाली समय के साथ आगे बढ़ी है, लेकिन आज भी कई ऐसी चुनौतियाँ मौजूद हैं जो छात्रों के वास्तविक विकास में बाधा बनती हैं। दुनिया तेज़ी से बदल रही है—टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, नई स्किल्स का महत्व बढ़ रहा है, और नौकरियों की मांग भी बदल रही है। ऐसे समय में यह जरूरी हो जाता है कि हमारी शिक्षा प्रणाली भी समय के साथ कदम मिलाकर चले। इसलिए आज शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।


1. रटने वाली शिक्षा का बढ़ता बोझ

Education System:-हमारी शिक्षा प्रणाली का सबसे बड़ा दोष यह है कि इसमें “रटकर याद करना” को अधिक महत्व दिया जाता है।
विद्यार्थी विषय को समझने की जगह परीक्षा के लिए याद करते हैं और परीक्षा खत्म होते ही सब भूल जाते हैं।
इस पद्धति से न तो बच्चे की समझ बढ़ती है और न ही वास्तविक जीवन में उपयोग होने वाली क्षमताएँ विकसित होती हैं।


2. स्किल-बेस्ड एजुकेशन की कमी

Education System:-आज की दुनिया में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है।
कंपनियाँ ऐसे लोगों की तलाश में हैं जिनके पास—

  • समस्या समाधान करने की क्षमता
  • टीम वर्क
  • कम्युनिकेशन स्किल
  • तकनीकी ज्ञान
  • सोचने और समझने की शक्ति
    जैसी स्किल हों।

लेकिन हमारी पारंपरिक शिक्षा में स्किल डेवलपमेंट पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना देना चाहिए।


3. पुराना पाठ्यक्रम (Outdated Syllabus)

Education System:-बहुत से स्कूलों और कॉलेजों में आज भी सालों पुराने सिलेबस को पढ़ाया जा रहा है।
जबकि जॉब मार्केट में

  • AI
  • डेटा साइंस
  • डिजिटल मार्केटिंग
  • रोबोटिक्स
  • साइबर सिक्योरिटी
    जैसी नई स्किल्स की डिमांड बढ़ रही है।

अगर छात्र पुराना ज्ञान ही पढ़ेंगे, तो वे भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार नहीं हो पाएँगे।


4. परीक्षाओं का अनावश्यक दबाव

Education System:-हमारे देश में परीक्षा का मतलब “जीवन-मरण का सवाल” बन जाता है।
अंकों का इतना दबाव होता है कि बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है।
माता-पिता और समाज अंक के आधार पर ही सफलता को मापते हैं।
जबकि सफलता का सही पैमाना है—

  • ज्ञान
  • स्किल
  • व्यवहार
  • सोचने की क्षमता

इसलिए परीक्षा प्रणाली में लचीलापन और सुधार बहुत जरूरी है।


5. व्यावहारिक शिक्षा की कमी (Lack of Practical Learning)

Education System:-ज्यादातर बच्चों को किताबों से तो बहुत कुछ पढ़ाया जाता है,
लेकिन उन्हें वास्तविक जीवन में इस्तेमाल करने का मौका नहीं मिलता।
जैसे—

  • बैंकिंग
  • फाइनेंस मैनेजमेंट
  • डिजिटल पेमेंट
  • बिज़नेस मैनेजमेंट
  • खेती या टेक्नोलॉजी का प्रयोग
    ये सब जीवन में बहुत आवश्यक हैं, लेकिन स्कूलों में इनका वास्तविक प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।

6. तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता

Education System:-आज के समय में मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं।
फिर भी देश में कई जगह ऐसा होता है कि बच्चों को डिजिटल टूल्स का सही उपयोग नहीं सिखाया जाता।
अगर टेक्नोलॉजी की शिक्षा को स्कूल स्तर से ही मजबूत किया जाए,
तो बच्चे भविष्य की चुनौतियों के लिए ज्यादा सक्षम बन सकेंगे।

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7. शिक्षक प्रशिक्षण का अभाव

Education System:-उत्कृष्ट शिक्षा के लिए उत्कृष्ट शिक्षक आवश्यक होते हैं।
लेकिन आज अधिकांश शिक्षकों को नया प्रशिक्षण या नई तकनीकों से जुड़ी जानकारी समय पर नहीं मिल पाती।
अगर शिक्षक अपडेट नहीं होंगे, तो वे छात्रों को आधुनिक दुनिया के अनुरूप शिक्षा नहीं दे पाएँगे।


8. नैतिक शिक्षा (Moral Education) का अभाव

Education System:-आज बच्चों को वैज्ञानिक और आधुनिक ज्ञान तो दिया जा रहा है,
लेकिन चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी पर कम ध्यान दिया जाता है।
जबकि शिक्षा का असली उद्देश्य एक बेहतर इंसान बनाना भी है।


Education System:-आज की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता

9. ग्रामीण और शहरी शिक्षा का फर्क

Education System:-भारत में शिक्षा की गुणवत्ता शहरों और गांवों में बहुत अलग है।
गांवों में—

  • सुविधाओं की कमी
  • प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी
  • डिजिटल संसाधनों की कमी
  • स्कूलों का खराब इंफ्रास्ट्रक्चर
    ये समस्याएँ आज भी मौजूद हैं।
    इस फासले को कम करना बेहद जरूरी है।

10. नई शिक्षा नीति (NEP 2020) उम्मीद की किरण

Education System:-नई शिक्षा नीति ने कई अच्छे बदलाव सुझाए हैं—

  • स्किल-बेस्ड लर्निंग
  • प्रैक्टिकल नॉलेज
  • मल्टी-डिसिप्लिनरी एजुकेशन
  • मार्क्स के दबाव को कम करना
  • डिजिटल लर्निंग पर जोर
    अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए,
    तो भारत की शिक्षा प्रणाली को बहुत बेहतर बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

शिक्षा केवल डिग्री पाने का साधन नहीं है, बल्कि बेहतर भविष्य की बुनियाद है।
इसलिए समय के साथ शिक्षा प्रणाली का बदलना बहुत आवश्यक है।
अगर हम रटने वाली शिक्षा से हटकर
स्किल-बेस्ड, व्यावहारिक, आधुनिक और नैतिक शिक्षा को अपनाएँ,
तो हमारा देश न केवल शिक्षित, बल्कि सशक्त, सक्षम और प्रगतिशील भी बनेगा।

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