Surprise inspections to be intensified in Kasturba Gandhi Girls Schools: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तेज होगा आकस्मिक निरीक्षण

लखनऊः Kasturba Gandhi Girls Schools
प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली करीब 88 हजार छात्राओं की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अब आकस्मिक निरीक्षण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। शासन ने जनवरी 2025 में ही इस संबंध में आदेश जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद लखनऊ के एक विद्यालय में छात्राओं के साथ मारपीट की शिकायत सामने आई। सवाल है कि जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास सीसीटीवी कैमरों की लाइव निगरानी का अधिकार है, तो यह घटना आखिर कैसे हुई? क्या निगरानी तंत्र सिर्फ कागजों में सीमित रह गया था?
Kasturba Gandhi Girls Schools: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तेज होगा आकस्मिक निरीक्षण
अब शासनादेश का हवाला देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विद्यालयों की निगरानी और निरीक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान छात्राओं को दी जाने वाली निश्शुल्क वस्तुओं, उनके भोजन, स्वच्छता, रहने की व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति की बारीकी से समीक्षा की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। निगरानी की जिम्मेदारी अब चरणबद्ध तरीके से तय की गई है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य को हर माह कम से कम चार विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा।

Kasturba Gandhi Girls Schools:
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को एक विद्यालय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को चार विद्यालय और खंड शिक्षा अधिकारी को अपने विकासखंड के सभी विद्यालयों का हर सप्ताह निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है। जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) को प्रत्येक विद्यालय का माह में दो बार निरीक्षण करना होगा।
Kasturba Gandhi Girls Schools:
यदि कोई अधिकारी शाम पांच बजे के बाद निरीक्षण करता है, तो उसके साथ किसी महिला अधिकारी या कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी। विद्यालयों में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी अब सख्ती से की जाएगी। इन कैमरों का एक्सेस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास है, ताकि किसी भी स्थिति में जवाबदेही तय की जा सके। साथ ही यह भी व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक विद्यालय में वार्डेन, पूर्णकालिक शिक्षिका और महिला रसोइया रात में छात्राओं के साथ ही रहेंगी।
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