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बालमनोविज्ञान: स्मृति को परिभाषित कीजिए |स्मृति का अर्थ | स्मृति के प्रकार कौन-कौन से हैं |विस्मृति का अर्थ बताइए | बुद्धि के कितने प्रकार हैं|| Child Psychology:What is Memory & Types of Memory|स्मृति का अर्थ और परिभाषा|Meaning and definition of memory

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Deled||BTC||Bed||Beled||Pratham Semester Exam Me Puchhe Jane Vale Prashn|| ये प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है ||

स्मृति को परिभाषित||स्मृति के प्रकार||व्यक्तित्व परीक्षण की प्रक्षेपी विधियाँ||विस्मृति का अर्थ||विस्मृति का अर्थ||बुद्धि के द्विखण्ड सिद्धान्त का प्रतिपादन || व्यक्तित्व परीक्षण||Phematic Appreception Test or T.A.T.||Children Appreception Test or C.A.T.||Story Completion Test or S. C. T.||Rorchach Ink Blot Test or R. I. T.||स्मृति का अर्थ ||स्मृति का अर्थ और परिभाषा|Meaning and definition of memory|स्मृति का अर्थ, परिभाषा, तत्व/स्वरूप|

प्रश्न—स्मृति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर-स्मृति एक सामान्य पद है, जिसमें भूतकाल की अनुभूति एकत्रित रहतीहै। जनसाधारण के मोबाइल (Mobile) में पड़ने वाले मेमोरी कार्ड (Memory Card) से स्मृति का अर्थ स्पष्ट हो जाता है। मेमोरी कार्ड में बहुत-सी ओडियो तथा वीडियो क्लिपको संग्रहित किया जाता है। मेमोरी कार्ड की अपनी निर्धारित संग्रहण क्षमता होती है।मेमोरी कार्ड की क्षमता पूर्ण हो जाने पर नई सामग्री को संग्रहित करने के लिएपुरानीसामग्रीका विलोपन करना अनिवार्य होता है। इस प्रकार मानव स्मृति की भी व्याख्या की जा सकती है। मानव स्मृति की भी क्षमता सीमित होती है और इसके दो पक्ष होते हैं—

1.सकारात्मक पक्ष, जिसे हम स्मरण तथा

2 .नकारात्मक पक्ष, जिसे हम विस्मरण करते हैं।

स्मरण’ से तात्पर्य स्मृति में संग्रहित किसी विषयवस्तु को याद करने से है, जबकि
विस्मरण से तात्पर्य संग्रहित विषयवस्तु को याद करने की असमर्थता से है।

Brain memory

प्रश्न-स्मृति के प्रकार कौन-कौन से हैं ?

उत्तर -स्मृति के प्रकार
स्मृति अनेक प्रकार की होती है। स्मृति के कुछ प्रकार (Types of Memory) इस प्रकार हैं

(1) सक्रिय स्मृति—जब कोई तथ्य या घटना आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त स्मरण हो जाती है तो ऐसी स्मृति को सक्रिय स्मृति कहते हैं।
(2) निष्क्रिय स्मृति—कुछ बातें बिना किसी प्रयत्न के ही स्मृति में बनी रहती हैं। इसे निष्क्रिय स्मृति कहते हैं।
(3) तात्कालिक स्मृति -किसी तथ्य को याद करने के पश्चात् तुरन्त याद हो जाना और उसे तुरन्त दोहरा देना तात्कालिक स्मृति कहलाती है।
(4) स्थायी स्मृति- कुछ तथ्य जो एक बार स्मृति के अंग बन जाते हैं और कभी भुलाये नहीं जा सकते, स्थायी स्मृति कहलाते हैं । ये स्थायी स्मृति के अंग बन जाते हैं।
(5) व्यक्तिगत स्मृति- भूतकालीन व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर जो स्मृति बनती है उसे व्यक्तिगत स्मृति कहते हैं।
(6) अव्यवस्थित स्मृति -पुस्तकों अथवा दूसरे व्यक्तियों से सुनकर जो बातें सीखी जाती हैं, वे अव्यक्तिगत स्मृति कहलाती हैं।
(7) तार्किक स्मृति- इस प्रकार की स्मृति का आधार तर्क या चिन्तन होता है। तर्क के आधार पर सीखी वस्तु तार्किक स्मृति कहलाती है।
(8) यान्त्रिक स्मृति -कुछ कार्य स्वतः होते रहते हैं । वे हमारी आदत के अंग बन जाते हैं । इसी कारण उनको आदतजन्य स्मृति भी कहते हैं। व्यक्ति तबला बजाते-बजाते गाता भी चलता है।
(9) रटन्त स्मृति—जो तथ्य रटकर याद किये जाते हैं, वे रटन्त स्मृति कहलाते हैं।
(10) शारीरिक स्मृति- इसे भी एक प्रकार की यान्त्रिक स्मृति कहा जाता है । नृत्य करना, टाइप करना तथा साइकिल चलाना इसी प्रकार की स्मृति हैं।
(11) शुद्ध स्मृति-जिस क्रिया के द्वारा ज्ञान व्यवस्थित ढंग से सीखा जाता है,उस स्मृति को शुद्ध स्मृति कहते हैं । इस प्रकार की स्मृति को सबसे अच्छी स्मृति कहा जाता है।

प्रश्न–विस्मृति का अर्थ बताइए। यह कितने प्रकार की होती है ?

विस्मृति
भूतकालीन अनुभव तथा ज्ञान को वर्तमान चेतना में लाने की असफलता को ही ‘विस्मृति’ कहते हैं। जब हम अर्जित अनुभूतियों को पुनः स्मरण करने में असफल रहते हैं तो इस असफलता को ही ‘विस्मृति’ कहा जाता है। विस्मृति’ के स्वरूप को और अधिक स्पष्ट करने के लिए हम यहाँ पर ‘विस्मृति’ की कुछ परिभाषाएँ प्रस्तुत करेंगे।

परीक्षा में कुछ बालक याद किये हुए पाठ को भूल जाते हैं । वे उस पाठ को स्मरण करने की चेष्टा करते हैं, परन्तु अपने प्रयास में वे सफल नहीं होते । शिक्षकों द्वारा पीटने, झिड़कने या निन्दा करने से बालक और भी अधिक भूल जाते हैं।

Memory

विस्मृति के प्रकार

विस्मृति दो प्रकार की होती है।

(1) सक्रिय विस्मृति (Active Forgetting)

कभी-कभी हम किसी अनुभव या घटना को स्मृति से निकालने का प्रयास करते हैं। हम किसी तथ्य को भुलाने का प्रयास करते हैं । दुःखद अनुभव यदि मस्तिष्क से न निकल जाये तो व्यक्ति सामान्य व्यक्ति नहींरह सकता । फ्रायड (Freud)  कहता है कि हम विस्मृति की क्रिया के द्वारा अपने दु:खद अनुभव को स्मृति से निकालने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार की विस्मृति सक्रिय विस्मृति कहलाती है।

(2) निष्क्रिय विस्मृति (Passive Forgetting)—

व्यक्ति किसी तथ्य को याद करता है। याद करने के साथ ही विस्मृति की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। ऐसा स्वाभाविक ढंग से होता है। बिना किसी प्रयास के भी मनुष्य भूल जाता है। ऐसी विस्मृति का कारण मनुष्य स्वयं नहीं होता । व्यक्ति भूलना नहीं चाहता, परन्तु वह भूल जाता है । यह प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है। प्रयास न करने पर भी भूल जाना निष्क्रिय विस्मृति कहलाती है । विस्मृति एक प्रक्रिया है । बालक यदि किसी तथ्य को भूल जाते हैं तो यह कोई अपराध नहीं है। इसमें प्रमुख बातें सामने आती हैं

1. बाधा का सिद्धान्त (Theory of Interference) बाधा भी विस्मृति का कारण बनती है । एक विषय-वस्तु को सीखने के पश्चात् जब हम दूसरी विषय-वस्तु को याद करते हैं तो बाधा के कारण स्मृति-चिह्न निर्बल हो जाते हैं। इसके फलस्वरूप विस्मृति आरम्भ हो जाती है।

2. दमन का सिद्धान्त (Theory of Repression) लगभग सभी व्यक्ति दु:खद घटनाओं को भूलने का प्रयास करते हैं । सक्रिय विस्मृति में दमन का सिद्धान्त ही कार्य करता है । फ्रायड कहते हैं, “हम विस्मृति की क्रिया के द्वारा दुःखद अनुभव को स्मृति से निकाल देते हैं।” व्यक्ति अप्रिय घटनाओं को भूलने का प्रयास करता है । इस प्रकार अप्रिय घटनाओं का दमन हो जाता है। अप्रिय स्मृतियाँ अचेतन मन में चली जाती हैं। चेतन मन में अच्छी बातों को स्थान देने के लिए हम दमन करते हैं।

3. रुचि का सिद्धान्त (Theory of Interest)—इस सिद्धान्त के अनुसार, जिन घटनाओं में हमारी रुचि नहीं होती, उन्हें हम शीघ्र भूल जाते हैं । सामान्तया स्मृति रुचि पर निर्भर करती है।

4. अनाभ्यास का सिद्धान्त (Theory of Disuse) इस सिद्धान्त के अनुसार,यदि हम सीखी हुई बातों का अध्ययन नहीं करते तो हम उनको भूल जाते हैं। जिन बातों को दोहराया नहीं जाता, वे भुला दी जाती हैं।

 

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प्रश्न–बुद्धि के द्विखण्ड सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया तथा इससे क्या आशय है?

उत्तर-द्विखण्ड सिद्धान्त (Two-factor) इस सिद्धान्त के प्रतिपादक स्पीयरमेन है। इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति में दो प्रकार की बुद्धि होती है
1. सामान्य बुद्धि (General Intelligence),
2. विशिष्ट बुद्धि (Specific Intelligence)।

इस ‘G’ & ‘S’ थ्योरी भी कहते हैं। स्पीयरमैन ने सामान्य योग्यता को विशिष्ट योग्यता से अधिक महत्वपूर्ण माना है क्योंकि यह योग्यता सभी व्यक्तियों में कम या अधिक मात्रा में मिलती है, यह योग्यता व्यक्ति में जन्मजात होती है। विशिष्ट योग्यता का सम्बन्ध विशिष्ट कार्यों से होता है। वे योग्यताएँ अर्जित की जा सकती हैं।

प्रश्न-बुद्धि के कितने प्रकार हैं ? अमूर्त बुद्धि से क्या आशय है ?

उत्तर- मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक ने बुद्धि को कई शक्तियों का समूह मानते हुए बुद्धि के निम्नलिखित तीन प्रकार बताए हैं

1. अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence),
2. सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence),
3. गामक या यांत्रिक बुद्धि (Motor of Mechanical Intelligence)|

अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence) अमूर्त बुद्धि ज्ञानोपार्जन के प्रति रुचि, रुझान, पढ़ने-लिखने से सम्बन्धित पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करने में, शब्दों तथा प्रतीकों के रूप में उपस्थित समस्याओं को हल करने में प्रकट होती है। जैसे—गणित के सूत्रों को हल करने में दर्शन एवं तर्कशास्त्र के विषयों को समझने में, साहित्यिक रचनाओं की सौन्दर्यानुभूति में यही बुद्धि कार्य करती है।

पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति

प्रश्न व्यक्तित्व परीक्षण की आत्मनिष्ठ विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?

उत्तर- आत्मनिष्ठ विधि

1. जीवन इतिहास विधि (Case History Method),2. प्रश्नावली विधि (Questionaire Method) 3. साक्षात्कार विधि (Interview
Method), 4. आत्मकथा लेखन विधि (Autobiography Method)।

प्रश्न—व्यक्तित्व परीक्षण की प्रक्षेपी विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?

उत्तर –प्रक्षेपी विधियाँ
1. प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (Phematic Appreception Test or T.A.T.),
2. बाल सम्प्रत्यक्ष परीक्षण (Children Appreception Test or C.A.T.),
3. रोर्शाक स्याही धब्बा परीक्षण (Rorchach Ink Blot Test or R. I. T.),
4. कहानी पूर्ति परीक्षण (Story Completion Test or S. C. T.)

 

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FAQs 

 प्र .  स्मृति को परिभाषित कीजिए ?

उत्तर – मेमोरी कार्ड की अपनी निर्धारित संग्रहण क्षमता होती है

प्र .बुद्धि के द्विखण्ड सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया?

उत्तर – उत्तर-द्विखण्ड सिद्धान्त (Two-factor) इस सिद्धान्त के प्रतिपादक स्पीयरमेन है

प्र. विस्मृति का अर्थ बताइए ?

उत्तर – भूतकालीन अनुभव तथा ज्ञान को वर्तमान चेतना में लाने की असफलता को ही ‘विस्मृति’ कहते हैं

घर कितने प्रकार के होते है | मिट्टी के घर, तैरते हुए घर , पत्थर के घर

 

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