1812 rural schools will be upgraded to urban schools, with junior teachers, addressing the shortage of teachers in urban areas. Read the full story: ग्रामीण क्षेत्र के 1812 स्कूलों को शहरी का दर्जा, शिक्षक कनिष्ठ होंगे, अब शहरी क्षेत्र के शिक्षकों की कमी दूर होगी, पढ़ें विस्तृत खबर

rural schools will be upgraded:
प्रदेश में 46 जिलों में नगरीय सीमा विस्तार के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के 1812 परिषदीय स्कूलों को शहरी सीमा का दर्जा दे दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों से ऑनलाइन विकल्प लेकर समायोजित किया जाएगा।
इन 1812 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में इस समय 692 प्रधानाध्यापक, 5324 सहायक अध्यापक, 1893 शिक्षामित्र व 568 अनुदेशक कार्यरत हैं। लंबे समय से नगरीय संवर्ग के शिक्षकों के पदों पर भर्ती नहीं हुई है। पिछले सालों में बड़ी संख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में यहां पर शिक्षकों की कमी से छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ा हुआ है। उदाहरण के तौर पर वाराणसी नगरीय सीमा में शामिल 73 स्कूलों में 119 शिक्षक कार्यरत हैं। नगरीय क्षेत्र में 99 स्कूलों में कुल 216 शिक्षकों की जरूरत है।
शिक्षक कनिष्ठ होंगे: rural schools will be upgraded
बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक समायोजन के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन विकल्प मांगा जाएगा। इच्छुक शिक्षकों द्वारा सहमति देने पर उन्हें नगरीय क्षेत्र के अध्यापकों के संवर्ग में शामिल किया जाएगा। उन्हें वरिष्ठता क्रम में वह कनिष्ठ रखा जाएगा।

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अब शहरी क्षेत्र के शिक्षकों की कमी दूर होगी
सीमा विस्तार से अब शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक सरप्लस हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों का हमेशा से कमी रही है। सात सालों से शिक्षकों की भर्तियां न होने और हर साल बड़ी संख्या में शिक्षकों के सेवानिवृत होने से शिक्षकों की कमी हो गई है।
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