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मिड डे मील योजना साप्ताहिक आहार तालिका मेन्यू-Mid Day Meal Program Updated Talika 2023

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मिड डे मील योजना 2023 निबंध महत्व [मध्याह्न भोजन मेन्यू]  [कब शुरू हुई यह योजना,पोषक तत्व, दोष एवं लाभ] (Mid Day Meal Scheme Details In Hindi) [Logo, Beneficiary] [Objective, Benefits, Drawbacks] UPSC

 

मिड-डे मील योजना(Mid Day Meal ):केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके अन्तर्गत पूरे देश के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निःशुल्क प्रदान किया जाता है। इस योजना में केन्द्र और राज्य सरकारें 75:25 के अनुपात में व्यय करती हैं। सरकार भोजन के लिए खाद्य सामग्री (गेहूं, चावल व अन्य पदार्थ) उपलब्ध कराती है। भोजन कराने के लिए 25 बालकों पर एक रसोइया तथा एक सहायक, 25 से अधिक बालकों पर 2 रसोइये तथा दो सहायकों की व्यवस्था है जो भोजन पकाने का कार्य करते हैं।b

Table of Contents

मिड डे मील योजना 2023 (Mid Day Meal Yojana)

स्कीम का नाम मिड डे मील (मध्याह्न भोजन योजना)
शुरुआत साल 1995
किसने की केंद्र सरकार
संबंधित मंत्रालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय
लाभार्थी सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए
टोल फ्री नंबर 1800-180-8007

Updated 2023 Mid Day Meal Program Talika

(मिड डे मील योजना साप्ताहिक आहार तालिका मेन्यू-Mid Day Meal Program Talika)

दिन  नवीन मेन्यू

(संसोधित 2023 )

व्यंजन का प्रकार  100 बच्चो हेतु वांछित सामग्री (प्राथमिक स्तर हेतु )  100 बच्चो हेतु वांछित सामग्री (उच्च प्राथमिक  स्तर हेतु )
सोमवार रोटी-सोयाबीन की बड़ी युक्त मौसमी सब्जी , एवं ताजा मौसमी फल गेहूं की रोटी एवं दाल सोयाबीन की बड़ी युक्त सब्जी (मौसमी सब्जी का प्रयोग एवं ताजा मौसमी फल) आटा 10 किग्रा ,सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी 1 किग्रा तथा सब्जी 5 किग्रा ,तेल/ घी  500 ग्राम आटा 15 किग्रा, सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी 1.5 किग्रा तथा सब्जी 7.5 किग्रा ,तेल/घी  750 ग्राम
मंगलवार चावल-सब्जी  युक्त दाल चावल एवं  दाल यथा- चना/अरहर/अन्य दाल दाल 2 किग्रा चावल,चावल  10 किग्रा, तेल/घी  ५०० ग्राम दाल 3 किग्रा ,चावल 15 किलोग्राम   तेल/घी  750 ग्राम
बुधवार मौसमी सब्जी एवं सोयाबीन की बड़ीयुक्त तहरी तथा दूध चावल एवं मौसमी सब्जी मिश्रित तहरी  एवं प्राथमिक विद्यालय /उच्च प्राथमिक विद्यालय हेतू 150/ 200 मिली लीटर उबालकर गर्म किया गया दूध चावल 10 किग्रा ,मौसमी सब्जी 5 किग्रा, तेल/घी  500 ग्राम एवं 15 लीटर दूध चावल 15 किग्रा ,मौसमी सब्जी साड 7 किग्रा, तेल/घी  750 ग्राम एवं  20 लीटर दूध
गुरूवार रोटी एवं सब्जी युक्त दाल  गेहूं की रोटी और दाल,( यथा चना/  अरहर / अन्य दाल आटा 10 किग्रा ,दाल  2 किलोग्राम   तेल /घी  500 ग्राम आटा 15 किग्रा, दाल 3 किग्रा, तेल/ घी  750 ग्राम
शुक्रवार मूंग की दाल एवं मौसमी सब्जी युक्त बाजरा की खिचड़ी / मौसमी सब्जी एवं सोयाबीन की बड़ी युक्त तहरी चावल एवं सब्जी ( आलू ,सोयाबीन एवं समय पर उपलब्ध मौसमी सब्जियां) चावल 10 किग्रा ,मौसमी सब्जी 5 किग्रा, सोयाबीन की बड़ी 1 किलोग्राम , तेल /घी  500 ग्राम चावल 15 किग्रा, मौसमी सब्जी 75 0 किलोग्राम , सोयाबीन की बड़ी  1.5 किलोग्राम , तेल /घी  750 ग्राम
शनिवार चावल -सब्जी युक्त दाल चावल एवं  सोयाबीन तथा मसाले  एवं ताजी सब्जियां चावल 10 किलोग्राम , मौसमी सब्जी 5 किग्रा, सोयाबीन की बड़ी 1किलोग्राम ,  तेल/घी  500 ग्राम चावल 15 किग्रा, मौसमी सब्जी 7.5 किलोग्राम , सोयाबीन  की बड़ी 1.5 किलोग्राम ,  तेल /घी  750  ग्राम

नोट -जहां पर सोयाबीन का प्रयोग  हो , वहां पर 100 छात्रो हेतू 1 किलोग्राम सोयाबीन प्राथमिक स्तर पर एवं 1.5 किलोग्राम सोयाबीन उच्च प्राथमिक स्तर हेतु प्रयोग करे |बुधवार को छात्रो को भोजन के साथ अनिवार्यत्ता उबला हुवा गर्म दूध उपलब्ध कराये 

Mid Day Meal

मिड डे मील योजना साप्ताहिक आहार तालिका मेन्यू-Mid Day Meal Program Talika

भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक अनुसार प्रत्येक दिवस प्रत्येक छात्र को उपलब्ध कराए जाने वाली भोजन एवं उससे प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों की सूचना(Mid Day Meal Program Talika)

प्राथमिक स्तर उच्च प्राथमिक स्तर
अनाज गेहूं चावल की मात्रा 100 ग्राम 150  ग्राम
दाल की मात्रा 20 ग्राम 30 ग्राम
सब्जी की मात्रा 50 ग्राम 75 ग्राम
घी / तेल की मात्रा 500 मिली 7.50 मिली
न्यूनतम ऊर्जा की मात्रा साडे 400 किलो कैलोरी 7 किलो कैलोरी
न्यूनतम प्रोटीन की मात्रा 12 ग्राम 20 ग्राम

मिड डे मील योजना क्या है (What is Mid Day Meal)

सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूल में बच्चे रोजाना आयें और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे. इसकी के लिए सरकार ने मिड डे मील योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत सरकार बच्चों को शिक्षा के साथ ही स्वास्थ और पोषित बनाना चाहती है.

मिड डे मील योजना प्रोग्राम कब शुरू हुआ (Program)

इस स्कीम को 15 अगस्त, 1995 में स्टार्ट किया गया था और सबसे पहले इस स्कीम को 2000 से अधिक ब्लॉकों के स्कूलों में लागू किया गया था. इस स्कीम के सफल होने के बाद इस स्कीम को साल 2004 में पूरे देश के सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया था और इस वक्त ये स्कीम हमारे पूरे देश के सराकरी स्कूलों में चल रही है.

मिड डे मील योजना पात्रता नियम (Eligibility Rule)

  • इस स्कीम की मदद से सरकारी स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा के छात्रों को, सरकार सहायता, स्थानीय निकाय, शिक्षा गारंटी योजना से जुड़े स्कूलों के छात्रों को, वैकल्पिक अभिनव शिक्षा केंद्र, मदरसे और श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा मिलता है.
  • इस स्कीम के अनुसार जो भी बच्चे ऊपर बताए गए स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा में पढ़ाई करते हैं उन्हें हर रोज (जिन दिनों स्कूल खुले होते हैं) मुफ्त में मध्यान भोजन करवाना अनिवार्य हैं.
होमपेज यहां क्लिक करें
अधिकारिक वेबसाइट यहां क्लिक करें

FAQ

Q : मिड डे मील योजना क्या है?

Ans: सरकारी स्कूल में सभी बच्चों मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूल में बच्चे रोजाना आयें और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे. सरकार इसके लिए अलग से गाइडलाइन तैयार करती है.

Q : मिड डे मील योजना कब आई?

Ans: 1995

Q : मध्यान भोजन कार्यक्रम क्या है?

Ans: सरकारी स्कूल में ज्यादा से ज्यादा बच्चे पढ़ने जाएँ, उनकी उपस्थिती स्कूल में बढे और उन्हें अच्छा पौष्टिक भोजन देने के लिए मध्यान भोजन कार्यक्रम की शुरुवात केंद्र सरकार द्वारा 1995 में शुरू हुआ था.

Q : एमडीएम का फुल फॉर्म क्या है?

Ans: Mid Day Meal

Q : दोपहर के भोजन मिड डे मील कार्यक्रम की योजना का मुख्य लक्ष्य क्या है?

Ans: योजना का उद्देश्य है कि देश से कुपोषण खत्म हो, और बच्चों को पोष्टिक अच्छा भोजन मिलता रहे.

Q : मिड डे मील के अंतर्गत काम करने वाले रसोइयों का वेतन कितना है 2020?

Ans: रसोइयों का वेतन 15 00 रूपए था पहले अब उसे 20 00 रूपए कर दिया गया है.

Q : स्कूल में खाना बनाने वाले की सैलरी कितनी है?

Ans: मध्यान्ह भोजन बनाने वालों को 20 00 रूपए सीधे उनके खाते में दिए जा रहे है.

Q : मिड डे मील से हानि क्या है?

Ans: कई बार सरकारी अधिकारी ध्यान नहीं देते है, तो ख़राब खाना बच्चों को परोस दिया जाता है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे केस कई बार सुनाई दिए है. सरकार कोई इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.

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