National Education Policy 2020(NEP2020)
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परिचय
शिक्षा, पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने , एक न्याय संगत और न्याय पूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता है
पुरानी शिक्षा नीतियां मुख्य रूप से शिक्षा पर केंद्रित थी , 1968 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति उसके बाद में 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसे 1992 में संशोधित किया गया था, के अधूरे काम को पूरा करने के उद्देश्य ने इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का निर्माण किया गया
मूलभूत सिद्धांत
- हर बच्चे की क्षमताओं की स्वीकृत, पहचान और उनके विकास हेतु प्रयास करना
- बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को सर्वाधिक प्राथमिकता देना
- लचीलापन ताक शिक्षार्थियों में उनके सीखने के तरीके और कार्यक्रमों को चुनने की क्षमता हो और इस तरह वे अपनी प्रतिभा और दोषियों के अनुसार जीवन में अपना रास्ता चुन सकें
- कला और विज्ञान के बीच ,पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच, व्यवसायिक और शैक्षिणिक धाराओं के बीच कोई स्पष्ट अलगाव ना हो
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार सिद्धांत
शैक्षिक प्रणाली का उद्देश्य अच्छे इंसानों का विकास करना जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो ,जिनमें करुणा और सहानिभूति ,साहस और लचीलापन ,वैज्ञानिक क्षमता और रचनात्मक कल्पना शक्ति, नैतिक मूल्य और आधार हैं इसका उद्देश्य से उत्पादक लोगों को तैयार करना जो अपने संविधान द्वारा परिकल्पित समावेशी और बहुलता वादी समाज के निर्माण में बेहतर तरीके से योगदान करें
नई शिक्षा नीति का शैक्षणिक ढांचा
(5 +3 +3 +4 )
5 का मतलब Foundation Stage ( 3 से 8 वर्ष)
प्री प्राइमरी से कक्षा 2 तक
3 का मतलब Predatory Satge ( 8 वर्ष से 11 वर्ष तक)
( कक्षा 3 से 5 तक)
3 का मतलब Middle Satge ( 11 वर्ष से 14 वर्ष तक)
कक्षा 6 से कक्षा 8 तक
4 Seconday Stage (14 वर्ष से 18 वर्ष तक)
कक्षा 9 से कक्षा 12 तक
NIPUN भारत का फुल फॉर्म
5 जुलाई 2021 को प्रारंभ की गयी योजना है जिसका मकसद भारत को निपुण बनाना है अर्थात बुनियादी शिक्षा मजबूत करनी है
NIPUN का फुल फॉर्म NIPUN : “National Initiative for Profieciency in Reading with Understanding and Numernacy”
” आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान में कुशलता हेतु राष्ट्रीय पहल “
FLN क्या है इसको NEP 2020 में क्यू शामिल किया गया ?
FLN का Full फॉर्म- “FOUNDATION LITERACY AND NUMERACY”
और इसका हिंदी मतलब-” आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान”
बुनियादी शिक्षा का विकास करना जैसे आसपास की दुनिया को समझना ,स्वतंत्र रूप से सोचना तर्क व विश्लेषण करना ,अनुमान लगाना ,अपने विचारों को अभिव्यक्त करना व विभिन्न समस्याओं को सुलझाना
बुनियादी साक्षरता क्या है
बुनियादी साक्षरता से हमारा तात्पर्य भाषा के उन बुनियादी कौशलों से है जो बच्चों की सीखने की आधारशिला तैयार करते हैं
मौखिक भाषा का विकास
समझ के साथ सुनना, बोलना, दूसरों से बातचीत करना, अपने आप को व्यक्त करना
ध्वनि बोध व डिकोडिंग
भाषा की ध्वनियों को पहचानना व उन्हें अक्षरों से जोड़ना ,अक्षर ध्वनि संबंध व प्रिंट का ज्ञान का उपयोग करते हुए शब्द पहचानना
पठन
धाराप्रवाह रूप से यानी सटीकता गति भाव समझ के साथ पढ़ना और पाठ की गहरी समझ बनाना ,अनुमान लगाना ,निष्कर्ष निकालना आदि
लेखन
लिखित रूप में स्वयं को अभिव्यक्त कर पाना
बुनियादी संख्या ज्ञान
बुनियादी संख्या ज्ञान से तात्पर्य , तार्किक चिंतन व दैनिक जीवन की समस्याओ को सुलझाने के लिए जो गणितीय चीजो का प्रयोग किया जाता है
संख्या पूर्व अवधारणाएँ
वर्गीकरण,एक एक कि संगति, क्रम में लगाना, तुलना करना निष्कर्ष निकलना
संख्या ज्ञान व संक्रियाएं
संख्याओं की गहरी समझ ,स्थानीय मान ,तुलना ,क्रम, जोड़, घटाव ,गुणा ,भाग
आकृतियां व स्थानीय समझ
आकार दिशा स्थान के संदर्भ में अपनी दुनिया को समझना 2D व 3डी आकारों को समझना
मापन
दैनिक जीवन के संदर्भ में लंबाई वजन धारिता और समय को मापन
पैटर्न
वस्तुओं, आकारों, अंको आदि से बने विभिन्न पैटर्न को समझना, विस्तार करना नए पैटर्न बनाना उनका नियम व्यक्त करना
आंकड़ों को व्यवस्थित करना
सामान्य जीवन से जुड़े आंकड़ों को जुटाना, प्रस्तुत करना, विश्लेषण करना
गणतीय सम्प्रेषण
गणिती भाषा से जुड़ी शब्दावली प्रतीकों का प्रयोग कर पाना
गणतीय सोच व कौशल
तर्क देना, समस्या समाधान ,अनुमान लगाना
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि खुशहाल बच्चे स्वस्थ (संज्ञानात्मक, मानसिक, भावनात्मक एवं सामाजिक) बच्चे होते हैं अर्थात बच्चों की भावनाएं उनके सीखने को प्रभावित कर सकती हैं
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