Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

किस पौधे के तने खाने योग्य होता है व किस पौधे के जड़े खाने योग्य होता है

Rate this post

किस पौधे के तने खाने योग्य होता है व किस पौधे के जड़े खाने योग्य होता है

  • पौधों की जड़ें भोजन के रूप में: हम पौधों की कुछ जड़ों जैसे गाजर, मूली, चुकंदर, शकरकंद, शलजम, आदि खा सकते हैं।
  • पौधों का तना भोजन के रूप में: कुछ पौधे अपने भोजन को अपने तने (रूपांतरित या भूमिगत) में संग्रहीत करते हैं।
  • khane yogy jad v tana
    khane yogy jad v tana
    Ginger root and ginger powder in the bowl
    raw potato

जड़ व तना खाने योग्य

Q. जड़ खाई जाती है

Ans- गाजर ,शलजम ,मूली, चुकंदर ,शकरकंद

Trick- बिना छीले बिना पकाएं

Q. तना खाया जाता है

Ans- ऑल आलू प्याज लहसुन अदरक  बंडा

Q. निम्नलिखित में जड खाया जाता है

(a) शकरकंद            ( b )मूली

(c)गाजर                (d) ये सभी

Q. निम्नलिखित में तना खाया जाता है

(a)लहसुन      ( b)प्याज

(c)अदरक        (d) ये सभी

Q.आलू का कौन सा भाग खाया जाता है

(a)जड़       (b) तना

(c)पत्ती      (d)फूल

Q. अदरक का कौन सा भाग खाया जाता है

(a) जड़     (b )तना

(c)पत्ती     (d) फूल

Q. गाजर का कौन सा भाग खाया जाता है

(a)जड़      (b) तना

(c)पत्ती      (d)फूल

फल (Fruit)

फल का निर्माण अंडाशय(Ovary) से होता है , हालांकि परिपक्क अंडाशय को ही फल कहा जाता है, क्योंकि परिपक्क अंडाशय की भित्ति फल- भित्ति का निर्माण करती है । पुष्प के निषेचन के आधार पर फल के मुख्यतः दो प्रकार के होते है –

सत्य फल ( True Fruit)

यदि फल के बनने में निषेचन प्रक्रिया द्वारा पुष्प में मौजूद अंगों में केवल अंडाशय ही भाग लेता है , तो वह फल सत्य फल होता है जैसे- फल

असत्य फल (False Fruit)

फल के बनने में जब कभी अंडाशय के अतिरिक्त पुष्प के अन्य भाग – बह्यदल, पुष्पासन आदि लेते है , तो वह असत्य फल कहलाता है

जैसे- सेब के बनने में पुष्पासन भाग लेता है

फलो व उनके उत्पादन के अध्ययन को Pomology कहते है

सरल फल

जब किसी पुष्प के अण्डाशय से केवल एक ही फल बनता है तो उसे सरल फल कहते है ।ये दो प्रकार के होते है

.सरल फल

.शुष्क फल

सरल फल 

यह रसदार, गूदेदार व  अस्फुटनशील होते हैं सरस फल भी 6 प्रकार के होते हैं

1. अश्टिल फल( Drupe)- नारियल ,आम, बेर ,सुपारी आदि

2.पीपों(Pepo)- तरबूज , ककड़ी, खीरा, लौकी आदि

3. हेस्पिरिडियम – नींबू, संतरा, मुसम्मी आदि

4. बेरी(Berry)- केला, अमरूद ,टमाटर,मिर्च ,अंगूर आदि

5. पोम(Pome )- सेब , नाशपाती आदि

6. वैलेटा(Ballista)- अनार

शुष्क फल

यह 9 प्रकार के होते हैं

1. कैरियोप्सिस( Cartoonist)- जौ, धन ,मक्का,गेहू आदि

2. सिप्सेला(Cypsella)- गेंदा, सूर्यमुखी आदि

3. नट(Nut)- लीची, काजू , सिंघाड़ा आदि

4. फली(Pod)- सेम ,चना, मटर आदि

5. सिलिक्यूवा(Siligua)- सरसो , मूली आदि

6. कोष्ठ –कपास, भिंडी आदि

7. लोमेन्टम(Lomentum)- मूंगफली ,इमली, बबूल आदि

8. क्रेमकोर्न( Cremcorn)- सौफ, जीरा धनिया आदि

9. रेग्मा (Regma)- रेडी

 

इसको भी पढो :

आसपास की वस्तुओ के नाम संस्कृत में नाम:फलो के नाम ,पशुओ के नाम ,पक्षियो के नाम ,रोगों के नाम ,शरीर के अंगो , Different Things Name In Sanskrit

व्यंजन किसे कहते हैं:व्यंजन कितने प्रकार के होते है- Vyanjan Kise Kahte Hai v Kitne Prakar Ke Hote Hai

join me On facebook Group

1 thought on “किस पौधे के तने खाने योग्य होता है व किस पौधे के जड़े खाने योग्य होता है”

Leave a Comment