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Teachers protest against the mandatory TET test, preparing to block Delhi after Diwali: TET अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का आर-पार! दीपावली बाद दिल्ली जाम करने की तैयारी

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Teachers protest against the mandatory TET test, preparing to block Delhi after Diwali: TET अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का आर-पार! दीपावली बाद दिल्ली जाम करने की तैयारी

Teachers protest against the mandatory TET test, preparing to block Delhi after Diwali: TET अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का आर-पार! दीपावली बाद दिल्ली जाम करने की तैयारी

 TET test

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TET test:

TET से जुड़े मुद्दों को लेकर देश भर के प्राथमिक शिक्षक दीपावली के बाद दिल्ली जाम करने की बड़ी तैयारी में हैं। इस प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आंदोलन को संगठित करने के लिए अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चानामक एक संयुक्त मंच का गठन किया गया है।

टीईटी मुद्दे पर देशभर के प्राइमरी शिक्षक दीपावली बाद दिल्ली जाम करने की तैयारी में हैं। आगामी 15 अक्टूबर को इसके लिए प्रत्येक राज्य की राजधानियों में उस राज्य के शिक्षकों की बैठक बुलाई गई है। यूपी सबसे अधिक शिक्षकों वाला राज्य होने के कारण प्रस्तावित आन्दोलन के नेतृत्वकर्ता की भूमिका में है।

यही कारण है कि टीईटी मामले को लेकर हाल ही में देश भर के शिक्षक संगठनों को मिलाकर बना संयुक्त मंच अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा की अगुवाई भी यूपी के ही जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी को सौंपी गई है। योगेश मोर्चा के संयोजक बनाए गए हैं। लखनऊ में 15 अक्तूबर को बड़े स्तर पर मोर्चा से जुड़े यूपी के सभी शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें दिल्ली में नवम्बर के पहले सप्ताह में प्रस्तावित बैठक के एजेण्डे को अन्तिम रूप दिया जाएगा।

TET test:

नवम्बर के पहले सप्ताह में दिल्ली में अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें राज्यों से प्राप्त संस्तुतियों व मांगों पर विचार कर देशव्यापी आन्दोलन व दिल्ली जाम किए जाने की रणनीति पर मुहर लगाई जाएगी। मोर्चा के अध्यक्ष योगेश त्यागी की माने तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली में बड़े आन्दोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसमें यूपी की सबसे बड़ी भागीदारी रहेगी। टीईटी का क्या है मामला सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में सेवारत शिक्षकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य कर दिया है।

 TET test

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इसमें केन्द्र सरकार के 2017 के उस अधिनियम को आधार बनाया गया है, जिसके माध्यम से शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा-23 में संशोधन कर वर्ष 2015 में कार्यरत सभी शिक्षकों को आगामी चार वर्ष में वर्तमान की न्यूनतम अर्हता प्राप्त कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने अपने निर्णय में इसी संशोधित अधिनियम की विस्तृत व्याख्या कर वर्तमान में सेवारत सभी शिक्षकों को आगामी दो वर्ष में न्यूनतम अर्हता टीईटी उत्तीर्ण करने की बात कही है।

यूपी के यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिक दाखिल कर केन्द्र सरकार के वर्ष 2017 के अधिनियम को चुनौती दी है, जिसमें संबंधित अधिनियम संशोधन को मौलिक अधिकारों के विरुद्ध बताते हुए असंवैधानिक करार दिया गया है।

क्या कहते हैं शिक्षक संगठन: TET test

उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहरा गया है। अगले दो वर्ष के भीतर टीईटी देनी होगी अन्यथा नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश को शिथिल कराने के लिए हम सरकार पर कानून में संशोधन करने का दबाव बना रहे हैं।

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