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IT IS ALSO MANDATORY FOR PROMOTION, IF YOU FAIL TO PASS TET IN TWI YEARS THEN YOU WILL HAVE TO LEAVE THE SERVICE: प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य, दो वर्ष में टीईटी पास करने में विफल रहे तो सेवा छोड़नी होगी

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IT IS ALSO MANDATORY FOR PROMOTION, IF YOU FAIL TO PASS TET IN TWI YEARS THEN YOU WILL HAVE TO LEAVE THE SERVICE: प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य, दो वर्ष में टीईटी पास करने में विफल रहे तो सेवा छोड़नी होगी

IT IS ALSO MANDATORY FOR PROMOTION, IF YOU FAIL TO PASS TET IN TWI YEARS THEN YOU WILL HAVE TO LEAVE THE SERVICE: प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य, दो वर्ष में टीईटी पास करने में विफल रहे तो सेवा छोड़नी होगी

IT IS ALSO MANDATORY FOR PROMOTION, IF YOU FAIL TO PASS TET IN TWI YEARS THEN YOU WILL HAVE TO LEAVE THE SERVICE

प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य: IT IS ALSO MANDATORY FOR PROMOTION, IF YOU FAIL TO PASS TET IN TWI YEARS THEN YOU WILL HAVE TO LEAVE THE SERVICE

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षण सेवा में बने रहने या पदोन्नति पाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य है। शीर्ष कोर्ट ने टीईटी की अनिवार्यता से जुड़े कानून के लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए।

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जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने सांविधानिक संदर्भ के साथ अंजुमन इशात-ए-तालीम ट्रस्ट बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य समेत कई दीवानी अपीलों में शिक्षक पात्रता के मुद्दों पर भी विचार किया। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 29 जुलाई, 2011 से टीईटी अनिवार्य कर दी थी। मुख्य प्रश्न यह था कि ऐसे में क्या इससे पहले नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बने रहने या पदोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी है? यह प्रश्न विशेष रूप से अल्पसंख्यक संस्थानों में शिक्षकों के लिए उठाया गया।

शीर्ष कोर्ट ने निर्देश जारी किया कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच वर्ष से कम शेष है, उन्हें टीईटी उत्तीर्ण किए बिना सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, प्रोन्नति के लिए उन्हें टीईटी उत्तीर्ण करना होगा। पीठ ने यह भी कहा कि अधिनियम लागू होने से पूर्व भर्ती सेवारत शिक्षक, जिनकी सेवानिवृत्ति में 5 वर्ष से अधिक का समय बचा है, उन्हें दो वर्षों में टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। विफल रहने पर सेवा छोड़नी होगी या अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होना होगा व सेवांत लाभ का भुगतान करना होगा। ब्यूरो

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यूपी में भी असर पड़ने की संभावना

लखनऊ। सुप्रीम फैसले का असर यूपी के उन शिक्षकों पर भी पड़ेगा, जिन्होंने 2011 के बाद पदोन्नति पाई है। कुछ शिक्षकों ने कक्षा एक से पांच के लिए टीईटी किया, लेकिन बाद में पदोन्नति पाकर प्राइमरी से जूनियर में चले गए। इस स्तर के लिए टीईटी नहीं किया। ऐसे में यह फैसला उन पर भी लागू होगा। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल के अनुसार अभी इससे प्रभावित होने वाले शिक्षकों की संख्या बता पाना मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद शासन से चर्चा करेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश

बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का दावा है कि इससे लाखों शिक्षक प्रभावित होंगे।

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