गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) के कारण, लक्षण, प्रकार, घरेलू उपाय और इलाज के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानें। समय रहते बचाव और सही उपचार से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

परिचय: Kidney Stone
गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) आजकल एक आम लेकिन बेहद तकलीफ़देह समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दों (Kidneys) के अंदर खनिज पदार्थ और लवण जमा होकर कठोर क्रिस्टल या पत्थर जैसी आकृति बना लेते हैं। ये पथरी कभी छोटे आकार की होती है जिसे मूत्र (Urine) के साथ बाहर निकलना आसान होता है, तो कभी इतनी बड़ी हो जाती है कि तेज़ दर्द, रुकावट और अन्य गंभीर समस्याएँ पैदा कर देती है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हर साल लाखों लोग गुर्दे की पथरी से प्रभावित होते हैं।
गुर्दे की पथरी बनने के कारण: Kidney Stone
गुर्दे की पथरी बनने के कई कारण हो सकते हैं। मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
- पानी की कमी (Dehydration):
जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुँचता तो मूत्र गाढ़ा हो जाता है। इससे खनिज और लवण घुल नहीं पाते और क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं। - अधिक नमक और प्रोटीन का सेवन:
ज्यादा नमक, नॉनवेज और प्रोटीनयुक्त भोजन करने से गुर्दों पर दबाव बढ़ता है और पथरी की संभावना भी। - अनुवांशिक कारण (Genetics):
यदि परिवार में पहले से किसी को गुर्दे की पथरी रही हो तो दूसरों को भी यह समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। - अनियमित जीवनशैली और खान-पान:
फास्ट फूड, तैलीय भोजन, कम पानी पीना और देर तक बैठे रहना पथरी की समस्या को जन्म देता है। - अन्य बीमारियाँ:
मोटापा, थायरॉइड की समस्या, यूरिक एसिड बढ़ना और बार-बार मूत्र संक्रमण (UTI) भी पथरी का कारण हो सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के लक्षण: Kidney Stone
गुर्दे की पथरी होने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं। आम लक्षण हैं:
- तेज़ दर्द: कमर, पेट के निचले हिस्से या पीठ में अचानक तेज़ दर्द उठना।
- मूत्र में जलन और खून: पेशाब करते समय दर्द और कभी-कभी खून आना।
- बार-बार पेशाब की इच्छा: लेकिन पेशाब सही तरह से न निकलना।
- उल्टी और मतली: तेज़ दर्द की वजह से उल्टी होना।
- बुखार और ठंड लगना: अगर पथरी के कारण संक्रमण हो जाए।

गुर्दे की पथरी के प्रकार: Kidney Stone
गुर्दे की पथरी कई तरह की हो सकती है:
- कैल्शियम पथरी (Calcium Stones):
यह सबसे सामान्य प्रकार है जो कैल्शियम ऑक्सेलेट या कैल्शियम फॉस्फेट से बनती है। - यूरिक एसिड पथरी (Uric Acid Stones):
यह उन लोगों में बनती है जो ज्यादा नॉनवेज खाते हैं या जिनके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है। - स्ट्रूवाइट पथरी (Struvite Stones):
यह प्रायः संक्रमण की वजह से बनती है और तेजी से बड़ी हो जाती है। - सिस्टीन पथरी (Cystine Stones):
यह बहुत दुर्लभ होती है और प्रायः अनुवांशिक कारणों से बनती है।
पथरी की जांच (Diagnosis): Kidney Stone
यदि लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। पथरी की जांच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- सीटी स्कैन (CT Scan)
- एक्स-रे (X-Ray KUB)
- मूत्र जांच (Urine Test)
- रक्त जांच (Blood Test)
उपचार (Treatment) : Kidney Stone
गुर्दे की पथरी का इलाज पथरी के आकार और स्थिति पर निर्भर करता है।
- छोटी पथरी:
5 मिमी से कम आकार की पथरी सामान्यतः पानी ज्यादा पीने और दवाओं से मूत्र के साथ निकल जाती है। - मध्यम आकार की पथरी:
इसमें दवाओं के साथ-साथ विशेष तकनीकें जैसे लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy) प्रयोग होती हैं। इसमें पथरी को तोड़कर छोटे टुकड़ों में बदल दिया जाता है। - बड़ी पथरी:
जब पथरी बहुत बड़ी हो जाए तो सर्जरी करनी पड़ती है। लेज़र तकनीक और एंडोस्कोपिक सर्जरी से इसे आसानी से निकाला जा सकता है।

घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय : Kidney Stone
कुछ घरेलू नुस्खे पथरी की समस्या को कम करने में मदद करते हैं:
- ज्यादा पानी पिएं: रोज़ाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं।
- नींबू का रस और शहद: इसमें सिट्रिक एसिड होता है जो पथरी को घोलने में मदद करता है।
- नारियल पानी: यह गुर्दों को साफ करता है और पथरी बनने से रोकता है।
- तुलसी के पत्ते: इसका रस पथरी को बाहर निकालने में सहायक है।
- फल और सब्जियाँ: तरबूज, खीरा, लौकी, सेब आदि का सेवन करें।
बचाव (Prevention) : Kidney Stone
गुर्दे की पथरी से बचाव संभव है यदि हम अपनी आदतों में सुधार करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- संतुलित और फाइबर युक्त आहार लें।
- ज्यादा नमक और प्रोटीन से बचें।
- नियमित व्यायाम करें।
- समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएँ।
निष्कर्ष : Kidney Stone
गुर्दे की पथरी भले ही एक सामान्य समस्या हो, लेकिन अगर इसे नज़रअंदाज़ किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। सही खानपान, पर्याप्त पानी और नियमित जांच से इससे आसानी से बचा जा सकता है। शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न करें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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