The teacher is no longer a teacher, but a data operator: 💔 “अध्यापक अब शिक्षक नहीं, एक डेटा ऑपरेटर बन गया है…”💔

♡•☆𝘳ℯᵃ₫Եⲏĩ𝐬♡•☆👋: children’s day (बाल दिवस का क्या महत्व है?यह कैसे मनाया जाता है)
data operator:
कभी अध्यापक वह दीपक था जो अपने भीतर जलकर बच्चों का भविष्य रोशन करता था,
आज वही दीपक आँकड़ों की फाइलों में बुझ रहा है।.
📱 सुबह की शुरुआत अब बच्चों की मुस्कान से नहीं,
बल्कि मोबाइल नोटिफिकेशन और 70 ऐप्स के निर्देशों से होती है।
पूरा दिन — जनगणना, सर्वे, चुनाव और डेटा एंट्री में गुजर जाता है।
👩🏫 बच्चों को पढ़ाने का जो समय था,
वो अब रिपोर्ट भेजने और स्क्रीन भरने में खत्म हो गया है।
शिक्षक अब एक रोबोट बन गया है —data operator
जिसे सिर्फ क्लिक, भरना और सबमिट करना आता है।
🧠 मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है,
सुबह से शाम तक सिस्टम में फंसा अध्यापक थक चुका है।
ऊपर से कहा जाता है — “टीईटी की तैयारी करो”
पर जब अपने लिए एक पल नहीं बचा,
तो पढ़ाई के लिए समय कहाँ से निकलेगा?

📣 समाज से एक सवाल —data operator
क्या यही वह भारत है जहाँ “गुरु” को भगवान कहा जाता था?
क्या वही गुरु अब सिस्टम का नौकर बनकर रह जाएगा?
🙏 अब वक्त है शिक्षक को वापस “शिक्षक” बनने देने का
उसे बच्चों के बीच लौटने दो,
किताबों की खुशबू में, सवालों की गूंज में।
✊ NO TET BEFORE RTE ACT
क्योंकि जब तक शिक्षक सम्मानित नहीं होगा,
शिक्षा कभी सशक्त नहीं हो सकती।
🕯️ शिक्षक रोबोट नहीं — समाज की आत्मा है, उसे फिर से जीने दो… 💔
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