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ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव पर संक्षिप्त लेख लिखिए: Green House Prabhav Kya Hota Hai

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Green House Prabhav Kya Hota Hai||ग्रीन हाउस गैसीयप्रभाव||ग्लोबल वार्मिंग क्या होता है ||‘मधुमेह ( डायबिटीज )’ ‘||उक्त-रक्तचाप बीमारी क्या है|| ग्रीन हाउस इफेक्ट क्या है ||Green house Effect||

प्रश्न ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव पर संक्षिप्त लेख लिखिए। 

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

वायुमण्डल में ऊष्मारोधी गैसों (जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड (CO,), नाइटस ऑक्साइड या मेर्थन, आदि) की मात्रा बढ़ जाने के कारण वायुमण्डल के औसत ताप में वृद्धि को ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect) कहते हैं। ग्रीन हाउस वास्तव में काँच या ग्लास के बने छोटे पौधा घर होते हैं जिनमें पौधों का विशेष रूप से शीत से बचानेहेतु उगाया जाता है। ग्रीन हाउस सूर्य की उष्मा ग्रहण करते हैं। ग्रीन हाउस के ग्लास पेनल्स (Glass pannels) प्रकाश को अंदर आने देते हैं, परन्तु ऊष्मा को बाहर निकलने से रोकते हैं। इसे पूरा हाउस गर्म हो जाता है और पौथे शीत में गर्म रहते हैं। यह क्रिया उसी प्रकार है,
जैसे धूप में खड़ी कार के अंदर गर्मीं हो जाती है।(Green house Effect)

ग्रीन हाउस गैसीयप्रभावकारण निम्नलिखित प्रक्रिया होती है

वायुमण्डल में कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO,) की अधिकता व कुछ अन्य गैसों के ऊष्मीय ऊर्जा (Heat energy) विकिरित हो जाती है।
(i) सूर्य की ऊष्मा के कारण पृथ्वी की सतह गर्म हो जाती है और यह अवशोषित
(ii) अधिकांश ऊष्मा अन्तरिक्ष में वापस विकरित हो जाती है, परन्तु इसका कुछ भाग वायुमण्डल द्वारा रोक लिया जाता है और पुन: पृथ्वी सतह पर वापस हो जाती है।
ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है।

इस प्रकार सरल शब्दों में पृथ्वी की सतह से विकसित हो रही गर्मी का रुकना ही  ‘ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव ” कहलाता है 

Green House Prabhav Kya Hota Hai

प्र .ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव का “धरती के बढ़ते तापमान'” में क्या सम्बन्थ स्पष्ट कीजिए।

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

यदि तपती हुई धूप में खड़ी कार की सभी खिड़कियाँ बंद कर दें तो कार के अंदर असहनीय गर्मी हो जाती है: क्योंकि प्रकाश खिडकियों के शीशों से गुजरकर अंदर पहुँचता है। प्रकाशीय ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित होकर वहाँ रह जाती है और कार को गर्म कर देती है । ग्रीन हाउस या पादप गृह पौधे उगाने के लिए बनाए जाते हैं और इसी सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। चूँकि वे शीशों के बनाए जाते हैं; अतः प्रकाश अंदर पहुँच जाता है, किन्तु ऊष्मा बाहर  नहीं निकल पाती। कार्बन डाई-ऑक्साइड का गुण भी ऐसा ही है सूर्य का प्रकाश परन यदि वायुमण्डल में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि होती है तो वायुमण्डल में वायुमण्डल से गुजर जाने देती है, किन्तु ऊष्मा को वायुमण्डल से निकलने नहीं देती। इस সकार सामान्य मात्रा में कार्बन डाइ-ऑक्साइड वायुमण्डल के तापमान को बनाए रखती है।  परंतु यदि वायुमंडल मे कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा मे वृद्धि होती है  अधिक ऊष्मा रोक ली जायेगी जो उसका तापमान बढ़ा देगी। ऊष्मा  का इस प्रकार वायुमण्डल मे रोक लिया जाना ही ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है

ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने में प्रमुख योगदान करने वाली गैसों में कार्बन डाइ-ऑक्साइड(CO2) क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFC,), मेथन (CH4,) तथा ओजोन (O3,) प्रमुख हैं।

Green House Prabhav Kya Hota Hai

प्रश्न-  का वर्णन  कीजिए।

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

उत्तर- मधुमेह क्या है शरीर में इंसुलिन की कमी होने पर यकृत कोशिकाओं में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिव्तित करने एवं संग्रह करने की क्षमता कम हो जाती है।
परिणामस्वरूप रुधिर में ग्लूकोस की सान्द्रता बढ़ जाती है। इसे हाइपरग्लीसीमिया कहते हैं एवं जब मूत्र में ग्लूकोस की मात्रा 300-500 mg प्रति 100 m हो जाती है तो इस बीमारी को मधुमेह (Diabetes mellitus) कहते हैं।
आज विश्व में यदि सर्व किया जाये तो प्रत्येक तीसरा व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित है। क्योंकि मधुमेह होने का प्रमुख कारण अनियमित जीवन शैली है। मधुर्मेह रोग सामान्यत: बहुत लोगों में पाया जाता है। भारत में यह बहत अधिक मिलता है।

'मधुमेह ( डायबिटीज )' '
‘मधुमेह ( डायबिटीज )’ ‘

मधुमेह  दो प्रकार का होता है-

(1) डायबिटीज मैलिटस, तथा
(2) डायाबिटीज इन्सिपिडस।

प्रश्न मधुमेह के रोगियों को अपनी जीवन शैली में क्या बदलाव करना चाहिए ?

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

उत्तर-ऐसे व्यक्ति जिनका वजन सामान्य है अर्थात् जो न अधिक मोटे, न दुबले और उनके मूत्र में कीटोन उपस्थित नहीं होता, उन्हें केवल व्यायाम तथा व्यवस्थित आहार से लाभ होता है। इनको इन्सुलिन की आवश्यकता नहीं होती। मोटे लोगों के आहार को विशेष रूप से संयमित करने की आवश्यकता पड़ती है और साथ-साथ उन्हें शारीरिक परिश्रम करने की भी आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों के अहार में उन्हीं भोज्य पदार्थों का समावेश होना चाहिए जो मोटापा कम करे।दुर्बल  व्यक्तियों को केवल आहार नियनत्रण से लाभ न हो तो अन्त: उन्हें इन्सुलिन या अन्य सम्बन्धित औषधियाँ देनी ही होंगी। बच्चों में मधुमेह की अवस्था उत्पन्न होना चिन्ता का विषय है। इनके भोजन पर नियन्त्रण रखना कठिन होता है। बच्वे अपनी रुचि के भोजन तथा मिठाइयों के लिए परेशान करेंगे, अत: उनका उनकी अवस्था का पूर्ण ज्ञन करना और भोजन एवं दिनचर्या के प्रति शिक्षित करना आवश्यक है।

मधुमेह के रोगियों कोआहार व्यवस्था करते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी होती हैं

(1) आहार में उन्हीं भोज्य पदार्थों का समावेश हो जो कि मोटापा कम करे। वजन तथा लम्बाई के अनुसार सामान्य हो।

(2) अधिक श्वितसार युक्त भोज्य पदार्थ न दें, ताकि रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक न हो।

(3) भोजन की मात्रा उतनी ही हो जिससे निर्धारित कैलोरीज ही प्राप्त हो सके, अधिक नहीं।

(4) भोजन मरीज के लिए रुचिकर हो तथा आकृर्षक ढंग से परोसा जाय।

प्रश्न उक्त-रक्तचाप बीमारी क्या है ? इसके क्या- क्या कारण हैं ? लिखिए।

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

उत्तर ऐसी परिस्थिति जिनमें रक्त के द्वारा धर्मनियों पर लगाया जाने वाला बल सामान्य से अधिक होता है। उसे उक्त-रक्तचाप कहते हैं।

उक्त-रक्तचाप बीमारी क्या है
उक्त-रक्तचाप बीमारी क्या है

प्रश्न-सुगर चारकोल का उपयोग लिखिए।

[Green House Prabhav Kya Hota Hai]

उत्तर-सुगर चारकोल मुख्य रूप से अपचायक के रूप में प्रयोग होता है यह ऑक्साइड को धातु के रूप में अपचयित कर देता है।

ZnO + C → Zn + CO
2Fe,0, + 3C → 4Fe + 3CO.

FAQ

प्रश्न ग्रीन हाउस गैसीयप्रभाव पर संक्षिप्त लेख लिखिए। 

वायुमण्डल में ऊष्मारोधी गैसों (जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड (CO,), नाइटस ऑक्साइड या मेर्थन, आदि) की मात्रा बढ़ जाने के कारण वायुमण्डल के औसत ताप में वृद्धि को ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect) कहते हैं।

ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव का “धरती के बढ़ते तापमान'” में क्या सम्बन्थ स्पष्ट कीजिए।

यदि तपती हुई धूप में खड़ी कार की सभी खिड़कियाँ बंद कर दें तो कार के अंदर असहनीय गर्मी हो जाती है: क्योंकि प्रकाश खिडकियों के शीशों से गुजरकर अंदर पहुँचता है।

प्रश्न मधुमेह के रोगियों को अपनी जीवन शैली में क्या बदलाव करना चाहिए ?

उत्तर-ऐसे व्यक्ति जिनका वजन सामान्य है अर्थात् जो न अधिक मोटे, न दुबले और उनके मूत्र में कीटोन उपस्थित नहीं होता है

प्रश्न- ‘मधुमेह ( डायबिटीज )’ ‘ का वर्णन  कीजिए।

उत्तर- मधुमेह क्या है शरीर में इंसुलिन की कमी होने पर यकृत कोशिकाओं में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिव्तित करने एवं संग्रह करने की क्षमता कम हो जाती है।
परिणामस्वरूप रुधिर में ग्लूकोस की सान्द्रता बढ़ जाती है।

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