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कौन है राहुल यादव ?
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परिचय
राहुल यादव [Rahul Yadav Judiciary] जिला चंदौली के रहने वाले है और अपने सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित रहते है उनके इंस्टाग्राम और फेवबुक पर हजारों में फॉलोअर्स है । राहुल यादव वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता है पर जज बनने की मेहनत भी कर रहे है । राहुल एक समाजसेवक भी है और कविता लिखने का शौक भी है , एक अच्छे लेखक भी है । राहुल दिल्ली में जज का एग्जाम में एक बार प्री एग्जाम पास कर चुके थे और यूपी में भी जज में भी प्री पास कर चुके है ।
पर उनका एक पेपर नही निकल पाया था तो वो जज नहीं बन पाए लेकिन वो अब भी रुके नही है मेहनत कर रहे है लगातार की जज बन जाए ।
राहुल अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते है जहा वो फ्री लोगो को कानून की शिक्षा देते है और मोटिवेशन वीडियो बनाते है । राहुल एक बहुत ही छोटे से गांव के रहने वाले है और अपनी मेहनत से इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है । जब ये लॉ की पढ़ाई कर रहे थे तो अपने आखिरी साल की वकालत की पढ़ाई में ये 25 बार अलग अलग लीगल काम , समाज सेवा के लिए मीडिया और अखबारो मे बहुत चर्चित थे ।
इनके पिता प्रमोद यादव यूपी पुलिस में दरोगा है और एक बहुत अच्छे और ईमानदार इंसान है । माता का नाम सुनिता यादव जो गृहिणी है , और इनकी एक बहन स्टाफ नर्स है ।
राहुल यादव [Rahul Yadav Judiciary] की उम्र(AGE) ,शिक्षा (EDUCATION ), ऊंचाई (HEIGHT),रंग (COLOUR)
Rahul Yadav Judiciary |
Name/ नाम | Rahul Yadav |
Profession/ पेशा | Lawyer(वकालत ) |
Famous For/ प्रशिद्ध | Socialist (सामाजिक कार्यकर्ता ) |
शारीरिक स्थिति |
|
Age/ उम्र | 06/12/1997(25 year old) |
Height/ उचाई | In centimeters- 180cm
In meters- 1.80 m In Feet Inches-6 feet |
Weight/ वजन |
In Kilograms- 65 kg |
Eye Colour/ आंख के रंग | Black |
Hair Colour/ बाल के रंग | Black |
Religion or Personal Information | |
Date of Birth/ जन्म दिन | 06/12/1997 |
Birth Place/ जन्म स्थान | Varanasi , UP |
Hometown/ सहर | Varanasi , UP |
Religion/ धर्म | Religion – Hindu Caste – Ahir ( Yadav) |
Nationality/ राष्ट्रीयता | Indian |
Family Profile |
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Father | Pramod Yadav (Sub Inspector UP Police) |
Mother | Sunita Yadav(Home Maker) |
Siblings(Sister) | Priyanka Yadav(Staff Nurse) |
Social Media Link | |
Instagram Youtube Facebook Page Twitter |
सामाजिक कार्यकर्ता [Rahul Yadav Judiciary]
सासामाजिक कार्यकर्ता और विधि के छात्र होने के नाते इन्होंने सामाजिक काम बहुत ऐसे किए जिनसे जन मानस को बहुत फायदा हुआ जैसे-
शैक्षिक संस्थानों में संविधान की शिक्षा अनिवार्य हो
विधि की शिक्षा ग्रहण कर चुके सामाजिक कार्यकर्ता राहुल यादव का कहना है क्या अगर कक्षा 6 से ही बच्चों को संविधान की शिक्षा मिलेगी तो देश का युवा समाज राज्य और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा उन्होंने अपने जन्मदिन पर इस विचार को आगे बढ़ाते हुए कानून मंत्री को पत्र लिखा
भूमि अधिग्रहण में पीड़ित को मुआवजा दिलाना
जिले में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ सदर तहसील सभागार में डीएम संजीव सिंह ने फरियादियों की समस्याएं सुनी इसी दौरान राहुल सदर तहसील में गुहार लगाने पहुंचे और बताया कि हम लोग 11 सालों से विभागों के चक्कर लगाते लगाते परेशान हैं पर हमारा मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया गंज ख्वाजा ग्राम पंचायत के जसो की मड़ई निवासी विधि का छात्र राहुल यादव जिलाधिकारी से मिलने उनके कार्यालय पहुंच गए
बिजली का पोल लगवाया
शिकायत के डेढ़ महीना बाद बिजली का पोल गांव में लग गया उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से डेढ़ माह पहले ट्विटर पर की गई शिकायत के बाद उन्होंने अधिशासी अभियंता को खम्मा बदलने और सड़क पर लटकी लाइन ऊंची करने के आदेश दिए थे लेकिन आदेश को करीब डेढ़ महीना बाद पालन किया जा सका
डाकघर की सर्वर व्यवस्था सही करवाने में योगदान
राहुल की शिकायत पर सभी डाकघरों में सर्वर की व्यवस्था दुरुस्त हुई
सेना में अहीर रेजिमेंट बने
समाज सेवक राहुल यादव ने रक्षा मंत्री को भेजे गए पत्र में बताया कि देश की थल सेना में ड्यूटी करते समय ना जाने कितने सैनिक शहीद हो गए अगर सेना में जाट रेजीमेंट राजपूत रेजीमेंट सिख रेजीमेंट हो सकती है तो अहीर रेजिमेंट क्यों नहीं हो सकती
फेसबुक के ग्रुप में पीड़ित की मदद
फेसबुक पर ग्रुप में एक पीड़ित की मदद की और उसे उसका कुत्ता वापस दिलाया
इनकी रचनाएं[Rahul Yadav Judiciary]
माँ
पूरा संसार परमात्मा का स्वरूप है
लेकिन मौँ भगवान् का विशेष रूप हैं ।
सूष्टि की उत्पत्ति में किरणों की यह धूप है,
इस जननी की महिमा जो न समझा वह मूर्ख है।
धूप में छाया जैसी , प्यास में दरिया जैसी
तन में जीवन जैसी, मन में दर्पण जैसी
कृपा माँ की चार धाम यात्रा जैसी
नज़र माँ कि मक्का मदीना और काशी ,मथुरा जैसी ।
जुबान पर इसके कभी बददुवा नहीं होती
मा अपने बच्चों से कभी खफा नहीं होती
किसी भी माँ के दिल में कोई कमी नहीं होती
सबके लिए भावनाएँ एक सी, किसी के लिए अलग नहीं होती
खुशनसीब हैं वो लोग जिनके ऊपर माँ का साया है।
यही तो सगी है. पूरा जगत तो मोह माया है।
माँ से ज्यादा मोहब्बत किसी रिश्ते में कोई न पाया है।
खुदा का साक्षात् रूप माँ में ही समाया है।
पिता
पिता जमीर है पिता जागीर है।
जिनके पास पिता है वो सवसे अमीर
खवाइसे पूर्री करने में पिता नदी का नीर है,
धर्म की नजरों में , बच्चों के लिए पिता पीर है।
बाहर से सख्त , अदर से है नर्म
दिल में दफन है उनके ना जाने कितना मर्म
हम्म दर्द ए दिल जिनसे ना कृछ पाते,
| वो हमारी खामोशी में भी हमारा चेहरा पढ़ जाते।
ऊगली पकड़कर जिसने चलना सिखाया,
हर मुश्किल के वक्त हमने उनका साया पया,
जब जिन्दगी की राहों में हमारे कदम डगमगाते,
उनके तजु्व हमारे हौसला बढ़ाते।
इल्म और नसीहत का नूर ही दिखलाते,
जिन्दगी की अहमियत वो हमेशा समझाते,
पैसों की कीमत सिलवाकर ट्रूटी चप्पल बतलाते ,
खुद की जरूरते समेत कर हमारे काटो को हटाते ,
हो भविष्य उज्वल यही दुआ है वो फरमाते,
प्यार और आशीर्वाद देते देते एक दिन है वो चले जाते।
कविता – प्रकृति
प्रथ्वी के जीो का प्रकृति ख्याल रखती है
जैसे हालात चैसे जरूरते प्रदान करती है
जिंदा रहने के लिए दो अहम चीज़
साँस और पानी भी प्रकृति मे ही मिलती है।।
प्रथ्वी कि पहचान इसी के तूर से है।
खूबसूरती कि झलक इसी के रूप से है।
ये सृूजनकार है , प्रथ्वी कि शान है।
इसकी रक्षा करना हमारा धर्म और आन है ।।
सभी जीवो और प्राणीयों का इसी मे वास है
आयुर्वेद कि खान इसी की जड़, चेतन और पात है।
चमक, चहल, और संतुलन इसी कि पहचान है।
इससे प्यार करना जैसे पाँच वक्त के नमाज है ।।
ये बिगड़ गई तो बहुत सताएगी
इससे जितना प्यार करोगे, उससे ज्यादा जिताएगी
निखारी प्रकृति को दुआ खुदा के पास जाएगी ।
संतुलन स्वास्थ हर दिशा में नज़र आएगी।।
विधाता
सोचने से समझने से, ये नज़र नही आता है।
अध्ययन करने पर भी इसका अंत ना कई पाता है।
जन्म और मृत्यु का सिलसिला भी यही निभाता है।
समय-समय पर अपना करिश्मा भी खुब दिखाया है ।।
निशानियां बहुत मिली इसकी वेद और शास्त्र में
जिक्र इसी का है, गुरु ग्रन्थ साहब और कुरान में
ये अनंत है इसकी मंहिमा अपरम्पार है।
सृष्टि और कायनात का बस यही आधार है।
खुद ठहरा हुआ है, पूरी दुनिया चलाता है।
सब इसके भीतर है, ये सर्वश्रेषठ विधाता है।
अलग अलग नामो से पुकारा जाता है।
तीनो काल चक्र को नृत्य भी यही कराता है ।।
हफीज मौला, ऋषि मुनि भी निति – निेति कह गए
इसकी महिमा का गुडगान करते करते लोग गंगा को बह गए
ये अनंत कर अमर है, समझते समझते लोग मर गए
दुआ और फरियाद करते करते, ना जाने कितने भक्ति में रम गए
हवा कि तरह इसको महसूस करके सब विधाता हि कह गए ।।
कविता- मोहब्बत
आकर्षण से अहसास तक का सफर है मीोहब्वत
दिल में जज्यातों का सफर है मीहब्यत
जूतून के बाद ठहराव का सफर है मोहब्बत
प्यार और इश्क के बाद् का सफर है मोहव्यत ।।
वक्त में बढ़ते करवा का सफर है मोहब्बत
कभी ना खत्म हो ऐसी चाहत का सफर है मोहब्यत
सुकून और खुशी मा सफर है मोहब्बत
आशिकी के जज्बातों में जन्नत का सफर है मोहब्प्त ।।
जिन्दगी के रहो को असान करने वाली सफर है मोहव्ब
नाकाम भी कामयाब करने वाली सफर है मोहब्बत
भटके हुवे , विगड़े हुवे को सवारने वाली सफर है मोहब्यत
मिले सच्चा साथी तभी चलते वाली सफर है मोहब्बत ।।
बदलाव
शताब्दी वदलती है, रंग-रूप भी बदलते हैं।
सभी तौर तरीके और नज़ारे भी बदलते हैं।
बदलते वक्त के सग बदलना भी ज़रूरी है,
ज़माने के साथ साथ चलना भी ज़रूरी है।
प्रथम वर्ग –
आओ एक नज़र पुरानी शताब्दी में आके ज़रा।
लोग कैसे थे. इस बात को भी आँके जरा
पुराने समय की बात भी अनोखी थी;
समय से समझोते करते लोग
ज़िंदगी कसौटी थी।
साधारण-सी ज़िन्दगी में ज़रूरतें भी कम -सी थीं,
बस गुज़ारे में रहते, ज़िन्दगी भी थमी-सी थी।
अंजान थे तत्व, तक़नीक और विज्ञान से,
ज़िन्दगी का कारवां आगे वढ़ाते, जीते शान से।
अन्धविश्वास और चमत्कार में ही रहते,
सोच की पहल से कभी ना आगे बढ़ते।
दूसरा वर्ग
नयी शताब्दी की बात भी निराली है,
युवाओं से ही इस युग की कहानी है।
समय के साथ नहीं, समय से आगे चलते हैं।
समाज में आगे रहते हैं, पर खुली सोच रखते हैं।
विज्ञान के सहारे रोज़ नयी खोज करते हैं,
आधुनिक चीज़ों का बहुत प्रयोग करते हैं।
हर तत्व की वजह और जानकारी रखते हैं।
भविष्य की सोच कर वर्तमान में चलते हैं।
नयी शताब्टी के साथ पूरानी पीढ्रियों को चलना पड़ेगा,
ख्यालात को तब्दील होकर, वक़्त के साथ मिलना पड़ेंगा।
जो नहीं समय की सत्ता के साथ, वो लाचार है,
रुड़ीवादी लोगों के लिए सब कुछ वेकार है।
जो मनुष्य समय-चक्र के साथ रहते हैं।
वही सुखमयी जीवन का अनृभव करते हैं।
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