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हाइड्रोकार्बन यौगिक क्या है :: What is hydrocarbon substances

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कार्बनिक रसायन||हाइड्रोकार्बन यौगिक||कार्बनिक (Organic ) ||अकार्बनिक (Inorganic)||संतृप्त हाइड्रोकार्बन||असंतृप्त हाइड्रोकार्बन||“मार्श गैस”||अपररूप क्या||हीरा तथा ग्रेफाइट||ईधन कितने प्रकार||कार्बनिक यौगिक||मधुमेह (डायबिटीज)||उक्त-रक्तचाप||संक्रामक रोग||What is hydrocarbon substances

Table of Contents

प्रश्न कार्बनिक रसायन का क्या अभिप्राय है ? कार्बनिक यौगिकों में (Catenation) की विशेषता को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न- हाइड्रोकार्बन यौगिक क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ? उदाहरण देकर समझाइए। 

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर- कार्बनिक रसायन 19वीं शताब्दी के आरम्भ में पदार्थों को उनके प्राकृतिक सूत्रों  के आधार पर दो वर्गों में विभाजित किया गया

1. कार्बनिक (Organic ) 2. अकार्बनिक (Inorganic)

जन्तुओं और वनस्पतियों (जीवधारी) से उपलब्ध पदार्थों को कार्बनिक पदार्थ तथा खनिज पदार्थों, चट्टानों, भूगर्भ आदि जैसे निर्जीवि स्त्रोतों से उपलब्ध पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थ कहा गया है;

जैसे -चीनी, यूरिया, एल्कोहल, सिरका आदि कार्बनिक यौगिकों के वर्ग में तथा सोडियम क्लोराइड, हाइड्ोक्लोरिक अम्ल, कैल्सियम कार्बोनेट, कार्बन डाई- अक्साइड आदि यौगिक अकार्बंनिक यौगिकों के वर्ग में रखे गये।

सन् 1828 ई. में व्हेलर ने सर्वप्रथम प्रयोगशाला में कार्बनिक यौगिक यूरिया  का संश्लेषण किया। यूरिया प्रयोगशाला में बनने वाला पहला कार्बनिक यौगिक है। यूरिया अमोनियम सायनेट को गर्म करके बनाया गया।

NH4CNO→ NH2CONH2
अमोनियम सायनेट                 यूरिया

एक बड़ी संख्या योगिकों की ऐसी है, जिनमें उपस्थित तत्वों में से एक तत्व कार्बन हैाता है उनको काबनिक यौगिक कहते हैं। परन्तु कुछ कार्बन युक्त यौगिक कार्बनिक  के अन्तर्गत नहीं आते हैं। जैसे C0, C0, कार्बोनेट, बाइकोबोनेट, साइनाइड आदि।

कार्बन युक्त यौगिकों को कार्बनिक यौगिक तथा कार्बन रहित यौगिकों को अकाबानिक यौगिक नाम देकर वर्गीकरण किया गया। सामान्यत: सभी कार्बनिक यौगिक हाईड्रोकाबन या उसके व्युत्पन्न होते हैं तथा मेथेन एवं इसके व्यूत्पनों को छोड़कर लगभग सभी कार्बनिक यागिका में कार्बन-कार्बन  बन्ध होता है।

वह कार्बनिक रसायन कहलाती है।

 What is hydrocarbon substances
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हाइड्रोकार्बन क्या है ?

[What is hydrocarbon substances]

कार्बनिक  यौगिकों का अध्ययन रसायनशास्त्र की जिस शाखा में किया जाता है कार्बन तथा हाइड्रोजन तत्वों के रासायनिक संयोग से बने यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते
हैं; जैसे- मेथन (CH), एथन (CH), एथिलीन (CH,), एसिटलीन (C ,H,) आदि। f. संतृप्त हाइड्रोकार्बन काबे की चारों संयोजकताएँ एकल बन्ध द्वारा संतृप्त रहती हैं,

1 . संतृप्त हाइड्रोकार्बन

वह हाइड्रोकार्बन योगिक जिनमें कार्बन-कार्बन के मध्य एकल बन्ध होता है अर्थात् संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
उदाहरण-  मेथेन (CH4), एथेन (C2H6)

2. असंतृप्त हाइड्रोकार्बन

ऐसे हाइड्रोकार्बन, जिनमें कार्बन-कार्बन परमाणु के मध्य कम -से-कम एक द्विबन्ध या त्रिबन्ध उपस्थित हो, असंतृप्त हाइड्रोकारबन कहलाते हैं ।
उदाहरण- एथिलीन (C2H4) ऐसिटलीन (C2H2)

hydrocarbon substances
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प्रश्न – मीथेन को “मार्श गैस” क्यों कहते हैं ?

उत्तर मीथेन प्राकृतिक गैस और तेल कूपों से निकलने वाली गैसों में उपस्थित होतीbहै। दलदली स्थानों में पेड़-पौधों व अन्य कार्बनिक पदार्थों के सड़ने से उत्पन्न गैसों का मुख्य घटक मेथेन गैस होती है। मीथेन को इसीलिए मार्ग गैस भी कहते हैं।

प्रश्न-अपररूप क्या होते हैं? कार्बन के अपररूप  का उल्लेख कीजिए।

उत्तर किसी रासायनिक तत्व्व का दो या दो से अधिक मुक्त सरल पदार्थों की अवस्था में पाया जाना पदार्थ की अपररूपता या अपररूप कहलाती है। परमाणु निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते हैं। उदाहरण हीरा, ग्रेफाइट आदि। प्रकृति में कार्बन दो रूपों में पाया जाता है- (1) क्रिस्टलीय रूप-इसमें का्न
हैं। उदाहरणलकड़ी का कोयला, जन्तु चारकोल, सुगर चारकोल, लैम्प ब्लेक आदि।

(2) अक्रिस्टलीय रूप-इसमें कार्बन परमाणु निश्चित क्रम में व्यवस्थित नहीं होते

प्रश्न -हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों की तुलना कीजिए।

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर- हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों की तुलना

हीरा  ग्रेफाइट
यह अति कठोर पदार्थ है। यह कोयला पदार्थ है।
यह विद्युत का कुचालक होता है। यह विद्युत का सुचालक होता है।
यह पारदर्शी होता है। इसका रंग  भूरा काला होता है।
हीरा का घनत्व 1.50 ग्राम/घन सेमी होता है। ग्रेफाइट का घनत्व 2.2 ग्राम / घन सेमी होता है।
इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार
कार्बन परामाणुओं से जुड़कर त्रि- विमीय संरचना बनाते हैं।
इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन कार्बन
परमाणुओं से जुड़कर षट्कोरणीय संरचना बनाते हैं।

प्रश्न मुक्त रूप में कार्बन की उपस्थित्ति को समझना

उत्तर अधिकांश सजीव एवं निर्जीव पदाथों में कार्बन यौगिकों के रूप े है। साथ ही कहीं -कहीं कार्बन कोयला, कालिख, ग्रेफाइट, हीरा आदि विभिन रूपों, अवस्था में प्राप्त होता है। ये सभी पदार्थ कार्बन तत्व के विभिन्न रूप हैं जि्र हैं जिन्हें हम कार्बन ते हैं। का्बन के इन विभिन्न रूपो के सभा रासायानक गुण तो एक समान होहे हैं पूरन्त भौतिक रूप गुण भिन्न-भिन्न होते हैं। पदार्थे के इस गुण को अपरूपता कवी

(1) हीरा कठोर एवं ग्रेफाइट मुलायम क्यों है, जबक दोनों में ही कार्बन उपस्थित
(2) हीरा चमकदार एवं ग्रेफाइट काले अथवा स्लेटी रंग का क्यों दिखाई देता है।
(3) कार्बन के क्रिस्टलीय अथवा अक्रिस्टलीय रूपों में मुख्य अन्तर क्या है ?

प्रश्न ईधन कितने प्रकार के होते हैं? इनके क्या उपयोग होते हैं ?

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर-1. घरेलू ईंधन-लकड़ी, कोयला, केरीसीन (मिट्टी का तेल), द्रवित पेट्रोलियम  गैस (एलपीजी) आदि घरों में प्रयुक्त होने वाले अथवा घरेलू ईधन हैं। आदि विभिन्न उद्योगों में प्रयुक्त औद्योगिक ईंधन हैं।
2. औद्योगिक ईधन पेट्रोल, डीजल, नेप्था, कोयला, प्राकृतिक गैस (सी. एन. जी.) प्रयुक्त इंजन ईधन हैं।
3, इंजन ईधन पेट्रोल, डीजल, मिंट्टी का तेल आदि विभिन्न प्रकार के इंजनों में मिसाइलों में प्रयुक्त रॉकेट ईधन हैं।
4. रॉकेट ईंधन मेथिल हाइड्राजीन, द्रवित हाइड्रोजन आदि के जेट, रॉकेट एवं लड्की, कोयला, गोबर के कण्डे, कृषि अपशष्ट एवं पेट्रोलियम उत्पाद आदि ईथन परम्परागत इंधन कहलाते हैं। इन सभी ईधनों में कार्बन या कार्बनिक यौगिकों के दहन से ऊष्मीय ऊर्जा प्राप्त होती है। ईधन के जैविक स्रोत जो अब समाप्त हो रहे हैं, उनका संरक्षण आवश्यक है। उऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत; जैसे- सौर ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा आदि का भी ईंधन के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।

प्रश्न कार्बनिक यौगिक क्या है ?

उत्तर कार्बन में पाए जाने वाले विशिष्ट लक्षणों, चतु :संयोजकता और शৃृंखलन से बड़ी संख्या में यौगिकों का निर्माण होता है। अनेक यौगिकों के अकार्बनिक परमाणु अथवा परमाणु के समूह विभिन्न कार्बन श्ृखलाओं से जुड़े होते हैं। मूल रूप से इन यौगिकों को प्राकृतिक पदाथों से प्राप्त किया गया तथा यह समझा गया था कि कार्बन यौगिक अथवा कार्बनिक यौगिक केवल सजीवों में ही निर्मित हो सकते हैं।

प्रश्न- हीरा का उपयोग आभूषण बनाने में क्यों किया जाता है ?

उत्तर- हीरा कार्बन का एक पारदर्शी अपररूप है। इसमें प्रत्येंक कार्बन का एक परमाणु चार परमाणुओं से जुड़ा होता है। इस व्यवस्था से यह त्रिविमीय संरचना का हয
हैं। विशेष ढंग से कटे हुए हीरो पर प्रकाश अपवर्तित होकर हीरे के अंदर प्रवेश करता तो इसके अन्दर ही बार -बार पूर्ण परावर्तित होकर विशेष दिशाओं में बाहर निकलता है जिसर है। हारा अत्यधिक चमकता है। इसीलिए इसका उपयोग आभूषण बनाने में कियां जाता

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प्रश्न सुगर चारकोल का उपयोग लिखिए।

उत्तर-सुगर चारकल मुख्य रूप से अपचायक के रूप में प्रयोग होता है। यह धातु ऑक्साइड को धातु के रूप में अपचयित कर देता है।
ZnO + C → Zn + CO
2Fe,0, + 3C → 4Fe + 3CO,

प्रश्न ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव पर संश्षिप्त लेख लिखिए।

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उत्तर वायुमण्डल में ऊष्मारोधी गैसों (जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड (CO,), नाइटस ऑक्साइड या मेर्थन, आदि) की मात्रा बढ़ जाने के कारण वायमण्डल के ओसत ताप
में वृद्धि को ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect) कहते हैं। ग्रीन हाउस वास्तव में काँच या ग्लास के बने छोटे पौधा घर होते हैं जिनमें पौधों का विशेष रूप से शीत से बचाने हेतु उगाया जाता है। ग्रीन होउस सूर्ये की उष्मा ग्रहण करते हैं। ग्रीन हाउस के ग्लास पेनल्स (Glass pannels) प्रकाश को अंदर आने देते हैं, परन्तु ऊष्मा को बाहर निकलने से रोकते हैं। इससे पूरा हाउस गर्म हो जाता है और पौधे शीत में गर्म रहते हैं। यह क्रिया उसी प्रकार है, जैसे धूप में खड़ी कार के अंदर गर्मी हो जाती है।
वायुमण्डल में कारबन डाइ-ऑक्साइड (CO,) की अधिकता व कुछ अन्य गैसों के कारण निम्नलिखित प्रक्रिया होती है-
(i) सूर्य की ऊष्मा के कारण पृथ्वी की सतह गर्म हो जाती है और यह अवशोषित ऊष्मीय ऊर्जा (Heat energy) विकिरित हो जाती है। वायुमण्डल द्वारा रोक लिया जाता है और पुनः पृथ्वी सतह पर वापस हो जाती है।
(ii) अधिकांश ऊष्मा आन्तरिक्ष में वापस विकरित हो जाती है, परन्तु इसका कुछ भाग इस प्रकार सरल शब्दों में पृथ्वी की से विकसित हो ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न-“ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव” का “धरती के बढ़ते तापमान में क्या सम्बन्ध है 

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ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव असहनीय गर्मी हो जाती है; क्योंकि प्रकाश खिड़कियों के शीशों से गुजरकर अंदर पहुँचता है।
यदि तपती हुई धूप में खड़ी कार की सभी खिड़्कियाँ बंद कर दें तो कार के अंदर

उत्तर- प्रकाशीय ऊज्जा ऊष्मीय ऊज्जा में परिवर्तित होकर वहाँ रह जाती है और कार को गर्म कर देती है। ग्रीन हाउस या पादप गृह पौधे उगाने के लिए बनाए जाते हैं और इसी सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। चूँकि वे शीशों के बनाए जाते हैं; अतः प्रकाश अंदर पहुँच जाता है, किन्तु ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती। कार्बन डाई- ऑक्साइडका गुण भी ऐसा ही है सूर्य का प्रकाश वायुमण्डल से गुजर जाने देती है, किन्तु ऊष्मा को वायुमण्डल से निकलने नहीं देती। इस प्रकार सामान्य मात्रा में कार्बन डाइ-ऑक्साइड वायुमण्डल के तापमान को बनाए रखती है। परन्तु यदि वायुमण्डल में कार्बन डाइ- ऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि होती है तो वायुमण्डल में आधिक ऊृष्मा रोक ली जायेगी जो उसका तापमान बढ़ा देंगी। ऊष्मा का इस प्रकार वायुमण्डल मे राक लिया जाना ही ‘ ग्रीन हाउस प्रभाव’ कहलाता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने में प्रमुख योगदान करने वाली गैसों में कारबन डाइ ऑक्साइट (CO2) क्लोरोफ्लुओरोकार्बन्स (CFC5 ), मैथन (CH4 ) तथा ओजोन (O3 ) प्रमुख हैं।

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प्रश्न  मधुमेह (डायबिटीज) का वर्णन कीजिए।

उत्तर मधुमेह क्या है शरीर में इंसुलिन की कमी होने पर यकृत कोशिकाओं में गलकोज को ग्लाइकोजन में परिवरतित करने एवं संग्रह करने की क्षमता कम हो जाती है।
परिणामस्वसूप रुधिर में ग्लूकोस की सान्रता बढ़ जाती है। इसे हाइपरग्लीसीमिया कहते हैं एवं जब मूत्र में ग्लूकोस की मात्रा 300-500 mg प्रति 100 ml हो जाती है तो इस बीमारी को मधुमेह (Diabetes melitus) कहते हैं। क्योंकि मधुमेह होने का प्रमुख कारण अनियमित जीवन शैली है। आज विश्व में यदि सर्वं किया जाये तो प्रत्येक तीसरा व्यक्ति मधुमेह से गप्रसित मधुर्मेह रोग सामान्यत: बहुत लोगों में पाया जाता है। भारत में यह बहुत अधिक मिलता है।
है। मधुमेह दो प्रकार का होता है-
(1) डायबिटीज मैलिटस, तथा
(2) डायाबिटीज इन्सिपिडस।

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प्रश्न मधुमेह के रोगियों को अपनी जीवन शैली में क्या बदलाव करना चाहिए ?

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उत्तर -ऐसे व्यक्ति जिनका वजन सामान्य है अर्थात् जो न अधिक मोटे, न दुबले और उनके मूत्र में कीटोन उपस्थित नहीं होता, उन्हें केवल व्यायाम तथा व्यवस्थित आहार से लाभ होता है। इनको इन्सुलिन की आवश्यकता नहीं होती। मोटे लोगों के आहार को विशेष रूप से संयमित करने की आवश्यकता पड़ती है और साथ -साथ उन्हें शारीरिक परिश्रम करने की भी आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों के आहार में उन्हीं भोज्य पदार्थों का समावेश होना चाहिए जो मोटापा कम करे। दुबल व्यक्तियों को केवल आहार नियन्त्रण से लाभ न हो तो अन्त: उन्हें इन्सुलिन या अन्य सम्बन्धत औषधियाँ देनी ही होंगी। बच्चों में मधुमेह की अवस्था उत्पन्न होना चिन्ता का विषय है। इनके भोजन पर नियन्त्रण रखना कठिन होता है। बच्चे अपनी रुचि के भोजन तथा मिठाइयों के लिए परेशान करेंगे, अत: उनका उनकी अवस्था का पूर्ण ज्ञान करना और भोजन एवं दिनचर्यां के प्रति शिक्षित करना आवश्यक हैं।
आहार व्यवस्था करते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी होती हैं-

(1) आहार में उन्हीं भोज्य पदार्थों का समावेश हो जो कि मोटापा कम करे। वजन तथा लम्बाई के अनुसार सामान्य हो। (2) अधिक श्वेतसार युक्त भोज्य पदार्थ न दें, ताकि रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक न हो। (3) भोजन की मात्रा उतनी ही हो जिससे निर्धारित कैलोरीज ही प्राप्त हो सके, अधिक नहीं। (4) भोजन मरीज के लिए रुचिकर हो तथा आकृर्षक ढंग से परोसा जाय।

प्रश्न उक्त-रक्तचाप बीमारी क्या है ? इसके क्या-क्या कारण हैं ? लिखिए।

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर ऐसी परिस्थिति जिनमें रक्त के द्वारा धर्मनियों पर लगाया जाने वाला बल सामान्य से अधिक होता है। उसे उक्त-रक्तचाप कहते हैं।

रक्तचाप  बीमारी के कारण-(1) व्यस्त जीवन शैली का होना। (2) आहार का खराब होना। (Improper diet) (3) तनाव का होना।

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प्र .उच्च रक्त चाप के लक्षण बताईए 

उच्च रक्तचाप के लक्षण

(1) उच्च रक्तचाप की प्रारम्भिक अवस्था में व्यक्ति किसी प्रकार की परेशानी का पत नहीं करता है लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, व्यक्ति के सिर में दर्द शुरू हो
है चक्कर आने लगते हैं तथा दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
(ii ) उच्च रक्तचाप की दूसरी अवस्था में जबकि रोगी प्रारम्भिक अवस्था में कोई उपचार हीं लेता है, तब उल्टी होना, जी घबड़ाना, अत्यधिक बेचैनी, पाचन सम्बन्धी विकारों का होना शुरू हो जाता है। आँखों में धुँधिलापन छाने लगता है तथा रोगी को नींद नहीं आती है ।
(iii ) उच्च रक्तचाप की तीसरी आवस्था अर्थात् भयानक अवस्था में हृदय की गति अवरुद्ध होने लगती है, नाक से खून आना तथा दिमाग की नली फटने से मरीज बेहोश भी हो सकता है, गुर्दं खराब होने लगते हैं तथा हृद्य की गति रुकने से रोगी की मृत्यु भी हो जाती है।

प्रश्न- संक्रामक रोग किसे कहते हैं?

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर -ऐसे रोग जो प्रत्यक्ष या परोक्षि रूप से एक व्यक्ति से दसरे व्यक्ति को संक्रमित हो सकते हैं उनहें संक्रामक रोग कहते हैं। सूक्ष्मजीव से होने वाले रोग संक्रामक होते हैं।
सुक्ष्मजीव रोगी के शरीर में वृद्धि करते हैं, संख्या में बढ़ते हैं और शरीर के रोग का आश्रयक्षेत्र बना देते हैं। रोगी से अन्य स्वस्थ व्यक्त को रोग आसानी से संक्रमित हो सकता है, जैसा कि क्षयरोग, हैजा और इंप्लुएंजा में होता है। कुछ रोग वाहक (agent) के द्वारा भी फेल सकता है; जैसे मलेरिया, फाइलेरिया एवं कालाज्वर इत्यादि।

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प्रश्न- इन्सुलिन (Insulin) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर शरीर में कार्बोहाइड्रेट के उपापचय में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

(1) यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन से बने ग्लूकोस को ग्लाइकोजन में बदल देती है और यकृत एवं पेशियों में संग्रहित करती है।

(2) ग्लूकोस के ऑक्सीकरण से ऊर्जा विमुक्त करती है।

(3) रुधिर में ग्लूकोस की निश्चित मात्रा बनाये रखती है।

(4 )कोशिकाओ  की आधारी उपापचयी दर (Basal Metabolic Rate : BRM) को प्रभावित
करती है।

(5) वसा तकों में वसा संश्लेषण अर्थात् लाइपोजेनिसस (Lipogenesis) को प्रभावित करती है।

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प्रश्न हृदयाघात पर संक्षिप्त लेख लिखिए।

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर -हृदय में रक्त की आपूर्ति में कमी आने पर हृदयाघात या हार्ट अटैक डोत यह धर्मनियों के सँकरेपनब के कारण हो सकता है या फिर धमनी में कहीं रक्त का
बन जाने के कारण रुकावट पैदा हो जाने की वजह से होता है। थक्का हृद्याधात के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं जिसका प्रमुख कारण बढता हुआ तमा भाग दौड़ वाली जिन्दगी और आधुनिक जीवनशैली है। हृदय रोग में हार्ट अटैक या हृदयाधत मृत्यु का प्रमुख कारण होता है। यदि हृदयाघात के लक्षण के विषय में पूरी जानकारी हो और मरीज तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें एवं उसका प्रार्थमिक उपचार तत्काल किया जा सके तो बहुत से मरीजों को मृत्यु से बचाया जा सकता है। हृदयाघात होने पर मरीज शॉक में चला जाता है। छाती में तेज और दबाव वाला दर्द होता है। यह दर्द नीचे बायीं भुजा और ऊपर वाली तरफ गर्दन तक फैलता है। मरीज को साँस पूरी तरह लेने में परेशानी होती है। नाड़ी धीरे-धीरे या अनियमित गति से चलती है। मरीज कभी-कभी गिर पड़ता है और आर्द्धचेतन या बेहोश हो जाता है। हृदय रोग का निदान होते ही चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और तत्काल इलाज शुरू कर देना चाहिए इससे हृदयाघात में प्रायः बचाव हो जाता है। हृदयाधात के लक्षण दिखते ही तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए ताकि कोई दुष्परिणाम सामने न आएँ। हृदयाधात के उपचार में देरी नहीं की जानी चाहिए, जितनी देर की जायेगी उतना ही उपचार सफल होने
की सम्भावना कम होती जायेगी।

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प्रश्न सामान्य हृदय  रोगों का वर्णन कीजिए।

[What is hydrocarbon substances]

उत्तर-1. एन्जाइना (Angina)- इस रोग का कारण यह है कि हृदय की भित्ति को भली प्रकार रुधिर का प्राप्त न होना। यह थक्का बनने या कोरोनरी धमनी के संकुचन से होता है। ऐसी अवस्था में हृद पेशियों को ऑक्सीजन प्राप्त नहीं होती। इससे आर्टीरियोस्क्लीरोसिस हो जाता है और सीने तथा कंधे में तेज दर्द होता है।
2. कोरोनरी थॉम्बोसिस (CoronaryThrombosis)- इस अवस्था में कोरोनरी धमनी में थक्का बनने जाने से हृदय  पेशियों से पर्याप्त रुधिर प्राप्त नहीं हो पाता। इस कारण एन्जाइना रोग हो जाता है।
3. मायोकोर्डियल इन्फ्राक्शन (Myocardial Infraction)-कोरोनरी धरमना में अवरोध होने से हृदय की पेशियों को जब पर्याप्त रुधिर प्राप्त नहीं होता तब हद पाशया क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। अतः ये पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पातीं। इस दशा को मायोकाडियल इन्फ्राक्शन या हृद्य आघात कहते हैं।
4. रिह्यूमेटिक हृदय रोग (Rheumatic Heart Disease)बैक्टीरियल सक्रम के कारण हृदय के कपाट या वाल्व ठीक से कार्य नहीं कर पाते और इस प्रकार  पेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और हृदय ठीक से कार्य नहीं कर पाता।

 

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