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Why Do People Change Behavior After Getting a Job?: नौकरी लगने के बाद लोगों का बर्ताव क्यों बदल जाता है?

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Change Behavior After Getting a Job : क्या आपने कभी महसूस किया है कि किसी को नौकरी लगने के बाद उसका बर्ताव बदल जाता है? जानिए इस लेख में इसके पीछे के कारण, मनोविज्ञान और इससे निपटने के तरीके।Have you noticed people change after getting a job? This article explains the psychology behind such behavior, reasons for change, and how to deal with it wisely.

🌿 नौकरी लगने के बाद लोगों का बर्ताव क्यों बदल जाता है? Change Behavior After Getting a Job

जीवन में जब कोई इंसान छोटी या बड़ी नौकरी पा लेता है, तो उसके अंदर एक बदलाव आ जाता है।
कई बार यह बदलाव सकारात्मक होता है — आत्मविश्वास, ज़िम्मेदारी, और मेहनत की पहचान के रूप में।
लेकिन अक्सर देखा गया है कि नौकरी लगने के बाद लोगों के बर्ताव में घमंड, दूरी, और बेपरवाही आने लगती है।
वो लोग जो कभी आपके साथ हर सुख-दुख में खड़े रहते थे, अब आपको “ज़रूरत से ज़्यादा” समझने लगते हैं।

आख़िर ऐसा क्यों होता है?: Change Behavior After Getting a Job
आइए गहराई से समझते हैं 👇


💭 1. सफलता के साथ “अहम” का जन्म

जब इंसान नौकरी पाता है, तो उसे लगता है कि अब वो दूसरों से बेहतर है।
वो भूल जाता है कि उसे वहाँ तक पहुँचाने में कितने लोगों का हाथ था —
माता-पिता का आशीर्वाद, दोस्तों का सहयोग, या किसी का मार्गदर्शन।

धीरे-धीरे उसके अंदर ego (अहम) घर कर लेता है,
और वो अपने पुराने रिश्तों को “कमज़ोरी” या “बीता हुआ वक्त” मानने लगता है।
यह अहम ही वह दीवार है जो रिश्तों में दूरी पैदा करता है।


💭 2. समाज में दिखावे की प्रवृत्ति

Change Their Behavior After Getting a Job : हमारे समाज में नौकरी को “सम्मान” और “पहचान” से जोड़ दिया गया है।
जैसे ही किसी को नौकरी लगती है, लोग उसे आदर्श मानने लगते हैं।
ऐसे में कई लोग अपनी “इमेज” बनाए रखने के लिए यह दिखाना चाहते हैं कि

“मैंने खुद मेहनत की है, मुझे किसी की मदद की ज़रूरत नहीं पड़ी।”

असल में यह दिखावा उन्हें दूसरों से बड़ा दिखाने का तरीका लगता है।
लेकिन वे भूल जाते हैं कि सच्चा सम्मान विनम्रता में होता है, अभिमान में नहीं।


💭 3. जब सहयोग की याद मिट जाती है

जब कोई सफलता पाता है, तो वो बीते संघर्षों को भूल जाता है।
उसे याद नहीं रहता कि जब वो मुश्किलों में था, तब किसी ने उसकी हिम्मत बढ़ाई थी,
सलाह दी थी, या छोटी-सी मदद की थी।

ऐसे लोग कहते हैं —

“मैंने सब अपनी मेहनत से किया है, किसी ने कुछ नहीं किया।”

यह शब्द सुनकर उन लोगों का दिल टूट जाता है जिन्होंने कभी उनके लिए वक्त, प्यार और सहयोग दिया था।
लेकिन सच्चाई यह है कि जो कृतज्ञता (gratitude) नहीं जानता, वह इंसान कभी सच्चा सफल नहीं हो सकता।


💭 4. नौकरी से “सुरक्षा का भ्रम” पैदा हो जाता है

नौकरी मिलने के बाद इंसान को लगता है कि अब जीवन सुरक्षित है,
उसे किसी की जरूरत नहीं है।
वह सोचता है —

“अब मैं अपने पैरों पर खड़ा हूँ, मुझे किसी की मदद की क्या ज़रूरत?”

यह सोच धीरे-धीरे उसे संवेदनहीन और आत्मकेंद्रित बना देती है।
वह यह भूल जाता है कि जिंदगी में हालात कभी एक जैसे नहीं रहते।
आज जो ऊपर है, कल उसे भी किसी का सहारा चाहिए होता है।

Change Behavior After Getting a Job

💭 5. अच्छाई करना गलत नहीं है

जब हम किसी की मदद करते हैं, तो हम दिल से करते हैं, किसी बदले की उम्मीद से नहीं।
लेकिन जब वही व्यक्ति भूल जाता है, तो दिल दुखता है।
ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं —

“क्या अच्छाई करना गलत है?”

लेकिन नहीं!
अच्छाई करना कभी गलत नहीं होता।
आपका किया गया अच्छा कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाता।
भले ही सामने वाला भूल जाए, कर्म का फल ज़रूर मिलता है — कभी न कभी, किसी रूप में।


💭 6. लोग क्यों भूल जाते हैं?: Change Behavior After Getting a Job

लोगों के भूल जाने के पीछे कुछ सामान्य कारण हैं: Change Behavior After Getting a Job

  • ज़रूरत खत्म होते ही रिश्ते खत्म मान लेना
  • अहम और तुलना की भावना का बढ़ना
  • नई संगत में पुरानों को छोटा समझना
  • आर्थिक स्थिति के कारण श्रेष्ठता की भावना आना

परंतु सच्चा इंसान वही है जो सफलता मिलने के बाद भी विनम्रता और आभार बनाए रखे।


💭 7. जब दिल टूट जाए तो क्या करें?

जब कोई अपना बदला हुआ दिखे, तो सबसे पहले खुद को संभालिए।
अपने मन से कहिए —

“मैंने जो किया, वो नेकी थी, कोई सौदा नहीं।”

फिर इन बातों का ध्यान रखिए 👇 Change Behavior After Getting a Job

  1. खुद को दोष मत दीजिए – आपका सहयोग आपकी इंसानियत का सबूत है।
  2. उनकी तरह मत बनिए – दूसरों के बदलने से अपनी अच्छाई को मत बदलिए।
  3. समय को न्याय करने दीजिए – वक्त सबको सिखाता है कि रिश्तों की कीमत क्या होती है।
  4. कर्म पर विश्वास रखिए – आप जितनी सच्चाई और भलाई करेंगे, जीवन में उतना ही सुकून पाएंगे।

💭 8. ज़िंदगी का असली सबक

नौकरी या पैसा कभी इंसान को बड़ा नहीं बनाता,
उसका बर्ताव और संस्कार उसे बड़ा बनाते हैं।

जो इंसान अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूलता,
वो हर ऊँचाई पर भी विनम्र रहता है।
और जो दूसरों की मदद से आगे बढ़कर उसी मदद को भूल जाता है,
वो सफलता के बावजूद भीतर से खाली रह जाता है।


🌼 निष्कर्ष : Change Behavior After Getting a Job

लोग नौकरी लगने के बाद बदल जाते हैं,
क्योंकि वे सफलता को “श्रेष्ठता” समझने लगते हैं।
पर असली सफलता वही है,
जहाँ इंसान अपने पुराने रिश्तों, सहयोग और इंसानियत को याद रखे।

इसलिए –

दूसरों के बदल जाने से अपनी अच्छाई मत बदलो,
क्योंकि अच्छाई ही आपकी असली पहचान है। 🌿

🔗 Suggested External Links: Change Behavior After Getting a Job

Career Guidance & Motivation
👉 https://www.naukri.com/career-guidance
(यह लिंक बताता है कि नौकरी पाने के बाद भी विनम्रता और टीम वर्क क्यों जरूरी है।)

Human Behavior & Psychology
👉 https://www.psychologytoday.com/intl/basics/self-esteem
(यह समझाता है कि सफलता के बाद लोगों का व्यवहार क्यों बदलता है और इसे कैसे संतुलित करें।)

Personal Development
👉 https://www.mindtools.com/pages/main/newMN_TCS.htm
(यह साइट बताती है कि सफलता के साथ विनम्रता कैसे बनाए रखें।)

Motivational Article in Hindi
👉 https://www.typingbaba.com/2022/05/prerna-pradayak-lekh.html
(हिन्दी में प्रेरणादायक लेख जो सकारात्मक सोच और रिश्तों को बनाए रखने पर केंद्रित है।)

Positive Thinking & Life Lessons
👉 https://www.lifehack.org/
(यहाँ आपको मिलेंगे रिश्तों, आत्म-विकास और विनम्रता से जुड़े लेख।)

🔗 Basic Shiksha Best Shiksha वेबसाइट के Internal Links

गुस्से में कही बातें दिल की नहीं होतीं – गुस्से पर नियंत्रण और रिश्तों को बचाने के उपाय

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