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Education Career: पेंशन से गुजारा नही….घर चलाने के लिए क्या करे

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Education Career: पेंशन से गुजारा नही….घर चलाने के लिए क्या करे

[Education Career] क्या वे इसे बेच दें? रिवर्स मॉर्गेज लोन लें? या किराये पर दे दें?

एक कहानी आपकी भी [Education Career]

मथुरा की संकरी गलियों में सुबह की पहली किरणें यमुना नदी के किनारे धीरे-धीरे फैल रही थीं। यमुना का शांत जल, इस शहर को एक अनोखा आध्यात्मिक आकर्षण देता है। यहां के एक पुराने मोहल्ले में रामप्रसाद जी का मकान है। लाल पत्थरों से बना यह घर अब एक बड़े सवाल का केंद्र बन चुका था। रामप्रसाद, उनकी पत्नी सरला और बेटा अनिल घर के भविष्य को लेकर उलझन में हैं। क्या वे इसे बेच दें? रिवर्स मॉर्गेज लोन लें? या किराये पर दे दें?

पेंशन से उनका गुजारा नही [Education Career]

रामप्रसाद 70 साल के हैं और सरला 65 कीं। रामप्रसाद रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं और पेंशन से उनका गुजारा चल रहा था। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ मेडिकल खर्चे बढ़ रहे हैं। बेटा अनिल दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है। रामप्रसाद और सरला को चिंता थी कि उनकी बचत और पेंशन उनके भविष्य के लिए काफी नहीं होगी। अनिल भी चाहता है कि उसके माता-पिता की जिंदगी आरामदायक हो, लेकिन वह यह भी नहीं चाहता कि वे जल्दबाजी में कोई गलत फैसला लें। इसलिए सभी विकल्पों को परखना जरूरी था। इसके लिए उसने वित्तीय सलाहकार राकेश से परामर्श लेने की सोची, जिन्होंने उसे सारे आयामों के बारे में बारीकी से समझाया।

[Education Career] क्या वे इसे बेच दें? रिवर्स मॉर्गेज लोन लें? या किराये पर दे दें?

[Education Career] क्या वे इसे बेच दें? रिवर्स मॉर्गेज लोन लें? या किराये पर दे दें?

विकल्प 1: घर बेचना [Education Career]

वित्तीय सलाहकार-मान लीजिए, घर 50 लाख में बिकता है। इन पैसों से जरूरत के हिसाब से आप छोटा घर खरीद सकते हैं या किराये पर रह सकते हैं। बाकी पैसे को फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड्स या सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में लगा सकते हैं। घर बेचना तभी सही है, जब आप नए घर में खुशी से रह सकें। क्योंकि, जिस घर में आपका जन्म और शादी हुई, बच्चे बड़े हुए हों, उससे भावनात्मक रिश्ता होता है। घर बेचने के बाद आप भावनात्मक लगाव खो देते हैं और रकम को सही जगह निवेश न करना दूसरा बड़ा नुकसान है। तीसरा-अगर आप किराये पर रहते. हैं, तो हर साल किराये का बोझ बढ़ेगा।

किराया बढ़ने की रफ्तार : प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक के अनुसार, देश के सात शीर्ष शहरों के प्रमुख इलाकों में पिछले तीन साल में किराये में 76 फीसदी तक वृद्धि दर्ज की गई। बंगलूरू के सरजापुर रोड में घरों का औसत किराया सबसे ज्यादा 76 फीसदी बढ़ा है। 2021 के आखिर में 1000 वर्गफुट के 2 बीएचके घर का किराया 21,000 रुपये से बढ़कर 2024 के आखिर में 36,900 रुपये महीना हो गया। इसी तरह, एनसीआर के नोएडा सेक्टर 150 में किराया 66 फीसदी बढ़कर 16,000 रुपये से 26,600 रुपये हो गया। इस दौरान, पुणे के वाघोली में किराया 65 फीसदी बढ़ा है। बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में किराया बढ़ने की रफ्तार थोड़ी धीमी रही है।

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विकल्प 2 : घर किराये पर देना [Education Career]

राकेश ने दूसरा रास्ता बताया कि आप घर का एक हिस्सा किराये पर दे दें और खुद दूसरे हिस्से में रहें। मौन लीजिए, आप दो कमरे किराये पर देते हैं, तो आपको 10-12 हजार रुपये महीने के मिल सकते हैं। इससे आय बढ़ेगी और घर भी आपके पास रहेगा। हालांकि, किरायेदार चुनते वक्त आपको सावधानी बरतनी होगी। रेंट एग्रीमेंट बनवाकर पुलिस वैरिफिकेशन भी करवाएं।

विकल्प 3: रिवर्स मॉर्गेज [Education Career]

रिवर्स मॉर्गेज एक तरह का लोन है, जी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के मकान मालिकों को मिलता है। रिवर्स मॉर्गेज में आप अपना घर छोड़े बिना उसकी कीमत का कुछ हिस्सा बैंक से लोन के रूप में ले सकते हैं। बैंक आपको हर महीने एक निश्चित रकम या एकमुश्त राशि देगा और बदले में घर उनके नाम पर गिरवी रहेगा। आप जब तक जीवित हैं, घर में रह सकते हैं। औपके बाद बैंक घर बेचकर अपना लोन वसूल करेगा।

रिवर्स मॉर्गेज लोन की शर्तें [Education Career]

1.उस कम से कम 60 साल हो। अगर पति-पत्नी मिलकर आवेदन करते हैं, तो पत्नी की उम्र कम से कम 55 साल होनी चाहिए।

      2. लोन की अवधि 10 से 15 साल तक होती है। जिसे कुछ शर्तों के अधीन आगे बढ़ाया जा सकता है। सिर्फ आवासीय संपत्ति पर लोन लिया जा सकता, है। कमर्शियल प्रॉपर्टी इसके लिए पात्र नहीं है।

        3. लोन की रकम बैंक की तरफ से आवासीय संपत्ति के लिए तय बाजार मूल्य, उधार लेने वाले की उम्र और ब्याज दर पर निर्भर करेगी। एसबीआई की अधिकतम लोन सीमा दो करोड़ रुपये, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने सीमा एक करोड़ रुपये रखी है

        4. गिरवी रखी जाने वाली आवासीय संपत्ति पर कोई बकाया लोन या अन्य वित्तीय देनदारी नहीं होनी चाहिए।

        रिवर्स मॉर्गेज के फायदे [Education Career]

        कर्ज चुकाने की जरूरत नहीं होती। व्यक्ति के निधन के बाद बैंक प्रॉपर्टी बेचकर पैसे वसूल कर लेगा। चाहें तो लोन चुकाकर बैंक से घर छुड़वा सकते हैं। कोई अतिरिक्त चार्ज या पेनल्टी नहीं लगती। रिवर्स मॉर्गेज से मिलने वाली रकम का उपयोग रोजमर्रा के खर्चा या मेडिकल बिलों के लिए किया जा सकता है।

        आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (43) के तहत रिवर्स मॉर्गेज से मिली रकम को आय नहीं माना जाता। टैक्स नहीं देना पड़ता

        अपनी जरूरत के हिसाब से लें फैसले [Education Career]

        फिनकार्ट के फाउंडर तनवीर आलम बताते हैं कि हर व्यक्ति की वित्तीय जरूरतें अलग-अलग हैं। अपनी वित्तीय जरूरतों के आधार पर फैसला करें। अगर आपके पास नियमित आय का कोई जरिया नहीं है। साथ ही सिर्फ अपने जीने तक घर में रहना चाहते हैं, तो रिवर्स मॉर्गेज बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन ब्याज दरों और शर्तों की जांच करें। अगर आपके पास नियमित आय का साधन है और एकमुश्त बड़ी रकम की जरूरत नहीं है, तो घर किराये पर चढ़ाना अच्छा 1 विकल्प हो सकता है। इसमें घर आपके पास ही रहेगा और अतिरिक्त आय से आप इलाज के खर्च मैनेज कर पाएंगे। यदि आपको तुरंत बड़ी रकम चाहिए, तो घर बेचना ठीक हो सकता है, लेकिन रकम को सावधानी से निवेश करें।

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