भारत में मशरूम की खेती एक कम लागत और अधिक मुनाफा वाला व्यवसाय है। इस 2000 शब्दों के गाइड में जानें—मशरूम की किस्में, खेती की विधि, लागत, लाभ, ट्रेनिंग, मार्केटिंग और पूरा स्टेप-बाय-स्टेप तरीका।
How to do Mushroom Farming – Cost, Methods, Training and Profit: मशरूम की खेती कैसे करें- लागत, तरीके, ट्रेनिंग और मुनाफा

Mushroom Farming
Mushroom Farming:
मशरूम की खेती: कम लागत में अधिक मुनाफे वाला सफल व्यवसाय
आज के समय में किसानों व युवाओं के बीच मशरूम की खेती एक उभरता हुआ, कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन चुका है। बदलती जीवनशैली में हेल्दी फूड की मांग बढ़ रही है और मशरूम को एक सुपर-फूड माना जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन-बी, पोटैशियम, फाइबर जैसे कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसीलिए भारत में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है, और यह घरेलू तथा व्यावसायिक स्तर पर एक बेहतरीन रोजगार अवसर बन चुका है।
इस विस्तृत लेख में हम जानेंगे कि मशरूम की खेती कैसे करें, किन चीज़ों की आवश्यकता होती है, कितनी लागत आती है, कितनी कमाई होती है, कौन-कौन सी किस्में लोकप्रिय हैं, और इसे सफलतापूर्वक करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. मशरूम क्या है? (What is Mushroom?): Mushroom Farming
मशरूम एक प्रकार का फंगस है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण सब्ज़ी के रूप में लोकप्रिय है। दुनियाभर में 2000 से अधिक प्रकार पाए जाते हैं, लेकिन भारत में मुख्यतः तीन प्रकार की खेती की जाती है:
- बटन मशरूम
- ऑयस्टर (झिंगुर) मशरूम
- ढिंगरी मशरूम
- मिल्की मशरूम
इनमें से ऑयस्टर और मिल्की मशरूम उष्णकटिबंधीय जलवायु में आसानी से होकर ज्यादा नाफ़ा देते हैं।
2. मशरूम की खेती क्यों करें? (Why Mushroom Farming?)
- कम लागत में शुरू किया जा सकता है
- सिर्फ 100–200 वर्ग फीट में भी खेती संभव
- बाजार में पूरे साल मांग
- पोषक भोजन होने के कारण प्रीमियम रेट मिलता है
- महिलाओं और युवाओं के लिए उपयुक्त व्यवसाय
- सरकार की ट्रेनिंग व सब्सिडी उपलब्ध
- 30–40 दिनों में पहली फसल
मशरूम को मिनी-फार्मिंग कहा जाता है क्योंकि कम जगह, कम पूंजी और कम समय में बड़ा उत्पादन देता है।
3. मशरूम की मुख्य किस्में और विशेषताएँ: Mushroom Farming
(A) बटन मशरूम
- भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली किस्म
- खेती के लिए 15–18°C तापमान चाहिए
- ठंड के मौसम में ज़्यादा उत्पादन
- उत्पादन 20–30 kg प्रति क्विंटल कम्पोस्ट
(B) ऑयस्टर (ढिंगरी) मशरूम
- गर्म व सामान्य तापमान में आसानी से उगता
- सबसे आसान और कम लागत वाली खेती
- उत्पादन 25–30 kg प्रति 100 kg भूसे पर
(C) मिल्की मशरूम
- दक्षिण भारत में खास
- 30–35°C तापमान में बेहतर
- मोटा, सफेद और अधिक दाम वाला
4. मशरूम खेती शुरू करने के लिए आवश्यक चीज़ें: Mushroom Farming
- साफ़-सुथरा कमरा या शेड
- तापमान नियंत्रित करने की व्यवस्था (कूलर/फैन/नेचुरल वेंटिलेशन)
- स्पॉन (मशरूम के बीज)
- भूसा या कम्पोस्ट
- पॉलीबैग
- हैंड ग्लव्स, मास्क
- पानी का स्प्रे पंप
अगर आप कम बजट में शुरू कर रहे हैं, तो यह सब 8,000–15,000 रुपये में आसानी से तैयार हो सकता है।
5. मशरूम की खेती कैसे करें? (Step-by-Step Guide)
Step 1: कमरे का चयन
- कमरा हवादार हो, धूप नहीं आनी चाहिए
- साफ-सफाई अत्यंत जरूरी
- तापमान 20–28°C किस्म के अनुसार
Step 2: सब्सट्रेट (भूसा) तैयार करना
ऑयस्टर मशरूम के लिए:
- गेहूँ/धान का सूखा भूसा लें
- इसे छोटे 2–3 इंच टुकड़ों में काटें
- 70–80°C गर्म पानी में 1 घंटे डुबोकर पाश्चुरीकरण करें
- पानी निकालकर सूखने दें
- भूसा हल्का गीला होना चाहिए (न बहुत सूखा, न ज्यादा गीला)
Step 3: स्पॉन बीज डालना (Spawning Process)
- पॉलीबैग में एक परत भूसे की और एक परत स्पॉन की
- 4–5 लेयर बनाएं
- बैग को 2–3 mm छेदों से पंक्चर करें
- इन्हें डार्क रूम में 15–20 दिनों तक रखें
इस समय माइसीलियम पूरे बैग में फैल जाता है।
Step 4: फलों का बनना (Fruiting Stage)
- कमरे में हल्की रोशनी रखें
- आर्द्रता 80–90%
- स्प्रे पंप से दिन में 2 बार पानी का छिड़काव
- छोटे-छोटे पिनहेड बनने लगते हैं
- 5–6 दिनों में मशरूम तैयार
Step 5: कटाई (Harvesting)
- जब टोपी पूरी तरह खुल जाए
- जड़ों को दबाकर पूरा पौधा निकालें
- ताजी सब्जी की तरह बेचें या सुखा भी सकते हैं
6. मशरूम की खेती में सावधानियाँ: Mushroom Farming
- कमरा साफ होना चाहिए
- फंगस या मच्छरों से सुरक्षा
- सीधे धूप से बचाव
- ज्यादा पानी न डालें
- बीज (स्पॉन) हमेशा प्रमाणित स्रोत से लें

7. मशरूम की पैकिंग और मार्केटिंग: Mushroom Farming
मशरूम का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसे यहां बेचा जा सकता है:
- स्थानीय सब्जी मंडी
- सुपरमार्केट
- होटल व रेस्टोरेंट
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Blinkit, Swiggy, Zepto)
- सुखा हुआ मशरूम फार्मेसी और सप्लीमेंट मार्केट में
ऑयस्टर ड्राई मशरूम का दाम 800–1500 रुपये/kg तक मिलता है।
8. मशरूम खेती की लागत और मुनाफा (Profit Calculation)
निवेश
- भूसा: 1,000 रुपये
- पॉलीबैग: 200 रुपये
- स्पॉन: 500 रुपये
- कमरे की व्यवस्था: 2,000 रुपये
- अन्य खर्च: 500 रुपये
कुल लागत: लगभग ₹4,000
उत्पादन
- 100 kg भूसे से 25–30 kg मशरूम
बिक्री
- ताजा मशरूम रेट: ₹150–250/kg
- कुल कमाई: ₹4,500 – ₹7,500
एक चक्र में मुनाफा
₹3,000 – ₹4,000 (कम से कम)
और यदि ड्राई मशरूम बनाएं तो मुनाफा दोगुना हो जाता है।
9. सरकार की ट्रेनिंग और सहायता: Mushroom Farming
भारत में कई सरकारी संस्थान मुफ्त/कम शुल्क पर ट्रेनिंग देते हैं:
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)
- ICAR
- राज्य कृषि विश्वविद्यालय
- Horticulture Department
ट्रेनिंग लेने के बाद मार्केटिंग, सब्सिडी योजनाएं और तकनीकी सहायता आसानी से मिलती है।
10. मशरूम की खेती में आने वाली समस्याएं और समाधान: Mushroom Farming
| समस्या | समाधान |
|---|---|
| बैग पर फफूंदी लगना | कमरे की सफाई रखें, भूसा ज्यादा गीला न हो |
| कम उत्पादन | सही तापमान और नमी बनाए रखें |
| मशरूम का काला पड़ना | ज्यादा पानी न डालें |
| कीड़ों का आना | नियमित सफाई करें, नीम के पानी का हल्का छिड़काव |
11. मशरूम से बने प्रोडक्ट – वैल्यू एडिशन: Mushroom Farming
- ड्राई मशरूम
- मशरूम पाउडर
- अचार
- सूप मिक्स
- स्नैक्स
इन उत्पादों की मांग शहरों में बहुत ज्यादा है।
12. निष्कर्ष: Mushroom Farming
मशरूम की खेती आज के दौर में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में एक बढ़िया, कम खर्च और ज्यादा कमाई वाला व्यवसाय है। यदि आप कम जगह, कम पूँजी और कम समय में अपना सफल स्टार्टअप खड़ा करना चाहते हैं, तो मशरूम फार्मिंग एक बेहतरीन विकल्प है। सही ट्रेनिंग, बेहतर तैयारी और बाजार की समझ के साथ आप महीने में 20,000–50,000 रुपये तक सहज ही कमा सकते हैं।
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