Under the Eighth Pay Commission, salaries will be increased based on responsibility and performance: आठवें वेतन आयोग में जिम्मेदारी और प्रदर्शन के आधार पर बढ़ेगी तनख्वाह

Under the Eighth Pay Commission:
केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के बाकी दो सदस्यों के नाम की घोषणा के साथ ही कामकाज के तरीके का भी ऐलान कर दिया। नए वेतन आयोग का मकसद वेतन वृद्धि के लिए कर्मचारियों में जिम्मेदारी, जवाबदेही और प्रदर्शन को आधार बनाना होगा।
वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, बोनस, पेंशन और अन्य सुविधाओं में जरूरी बदलावों की सिफारिश करेगा, ताकि ऐसा वेतन ढांचा तैयार हो जो काम को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला और कार्य प्रदर्शन आधारित हो। अधिसूचना के अनुसार, आयोग की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के अलावा प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य और पंकज जैन सदस्य सचिव होंगे। आयोग को रिपोर्ट 18 महीने में सौंपनी होगी। आयोग विशेषज्ञों, सलाहकारों और संस्थानों को शामिल कर सकता है। पिछले वेतन आयोगों की तर्ज पर बदलाव किए जाते हैं, तो वेतन-पेंशन में बड़ा इजाफा संभव है। अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो 25,000 की मासिक पेंशन बढ़कर 50,000 रुपये तक हो सकती है।

Under the Eighth Pay Commission:
गैर जरूरी भत्तों की छुट्टी : आयोग मौजूदा बोनस योजना के साथ सभी भत्तों की समीक्षा कर उपयोगिता, शर्तों को देखेगा। गैर जरूरी भत्तों को खत्म करेगा। एनपीएस में आने वाले कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की समीक्षा की जाएगी। पुरानी पेंशन वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन-ग्रेच्युटी पर भी सिफारिश की जाएगी।
कारखानों में काम के 12 घंटे कर सकेगी सरकार: Under the Eighth Pay Commission
लखनऊ। राज्य सरकार को अब यह अधिकार प्राप्त होगा कि वह कारखानों में कार्य के घंटे अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन तक निर्धारित कर सके, बशर्ते कि साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से अधिक न हो। इस संबंध में राष्ट्रपति ने कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इस अधिनियम को अब यूपी अधिनियम के रूप में लागू किया गया है। अधिसूचना के अनुसार यह अधिनियम तीन अक्तूबर से प्रभावी किया गया है।
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