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न्यू पार्लियामेंट हाउस[ New Indian Parliament House ]: भारत के नए संसद भवन की खासियत व भवन का आकार तिकोना  क्यों

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New Parliament Building ||नए संसद भवन की ज़रूरत क्यों पड़ी||New Parliament||भवन का आकार तिकीना क्यों||नए संसद भवन की प्रमुख विशेषताएं||New Parliament Building: इतना आलिशान है नया संसद भवन||New Indian Parliament House

New Parliament Building Inauguration:  भवन का आकार त्रिभुजाकार क्यों? छिपा है वैदिक और धार्मिक महत्व

New Paliament Building Inauguration: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने  संसद भवन का उद्धाटन  आज देशभर की नजरें भारतीय लोकतंत्र के नए मंदिर पर हैं। बेहद
भव्य और त्रिभुजाकार अवस्था में बना नया संसद भवन रविवार (28 मई 2023 )को 135 करोड़ भारतीयों के लिए समर्पित किया गया । नए संसद भवन में कई विशेषताओं के साथ उत्वकृष्ट कलाकृतियों का समागम है। 971 करोड़ की लागत से निर्मित, नया परिसर भारत की प्रगति का प्रतीक है और सेंट्ल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा। नई संसद भवन को पुराने भवन के बजाय त्रिभुजाकार में बनाया गया है। ऐसा क्यों है? दर असल, इस आकार का वैदिक संस्कृति और तंत्रशास्त्र से गहरा नाता है।

आज देश के 135 करोड़ भारतीयों को लोकतंत्र का मंदिर मिलने वाला है। पुरानी संसद भवन के बजाय लोकतंत्र के सभी फैसले नए और भव्य संसद भवन से किए जाएंगे। नई संसद परिसर में पहले के बजाय काफी ज्यादा सुविधाएं और हाईटेक व्यवस्था है। यहां पहले से कहीं ज्यादा बड़े विधायी कक्ष होंगे। लोकसभा में राष्ट्रीय पक्षी मोर की आकृति पर बनी नई 888 सीटों की व्यवस्था की गई है। जबकि राज्यसभा में 348 सीटों को राष्ट्रीय फूल कमल की आकृति दी गई है। संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटों
वाला एक वृहद हॉल बनाया गया है।

भवन का आकार तिकोना  क्यों[New Indian Parliament House]

संसद भवन की वास्तुकला निर्मित करने वाले बिमल पटेल ने पीटीआई को बताया, “नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार में डिजाइन किया गया है। पिछला संसद भवन गोलाकार था। नई संसद भवन के तिकौना आकार का संबंध वैदिक संस्कृति और तंत्रशास्त्र है। सबसे पहली बात यह एक त्रिकोणीय भूखंड पर स्थित है और इसके तीन प्रमुख हिस्से हैं- लोकसभा, राज्यसभा और एक सेंट्रल लाउंज। इसके अलावा, त्रिकोण आकार देश के विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में पवित्र ज्यामिति का प्रतीक है।

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धार्मिक महत्व

[New Indian Parliament House]

वास्तुकार बिमल पटेल ने पीटीआई को आगे बताया कि इसका धार्मिक महत्व भी है। इस तिकौने आकार में सभी तरह का धार्मिक समायोजन है। हमारे कई पवित्र धरमों में त्रिभुज आकार का महत्व है। श्रीयंत भी त्रिभुजाकार है। तीन देवता या त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) भी त्रिभुज का प्रतीक हैं। इसीलिए त्रिभुज आकार का नई संसद भवन बेहद पवित्र और शुभ है।

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नए संसद भवन की प्रमुख विशेषताएं-

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नए परिसर में बड़े विधायी कक्ष हैं। नई लोकसभा में 888 सीटों को राष्ट्रीय पक्षी मोर का आकार दिया है, जहां बैठने की वर्तमान क्षमता से तीन गुना अधिक है। जबकि राज्य सभा के लिए 348 सीटें होंगी, जो राष्ट्रीय पुष्प कमल की थीम पर है। नए भवन में लोकसभा हॉल संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटों का समागम है। यहां एक बरगद का पेड़ भी है। दो विधायी कक्षों के अलावा, नया परिसर केंद्र में एक अतिरिक्तसंवैधानिक हॉल’ की मेजबानी करेगा। इसके बाहरी हिस्से में पिछले भवन की तरह कार्यालय हॉंगे और पूराने परिसर से केंद्रीय संयुक्त सत्र एलएस हॉल का एक हिस्सा होगा। जैसा कि ऊपर बताया गया है। नए परिसर में कार्यालयों को ‘अल्ट्रा-मॉडर्न’ फैशन में डिजाइन किया गया है, जो नवीनतम संचार तकनीकों से लैस हैं और बेहद सुरक्षित और कुशाल हैं। इसके अतिरिक्त, नए परिसर में बड़े समिति कक्ष हैं, जो दक्षता बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक और उद्देश्य-डिजाइन स्थानों से सुसज्जित हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन किया. [New Indian Parliament House]

कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियों ने नई संसद के उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से होना चाहिए.

नए संसद भवन पर हो रही राजनीति से अलग कुछ ऐसे सवाल भी हैं जिनके जवाब सोशल मीडिया से लेकर गूगल तक पर खोजे जा रहे हैं.

नई संसद कैसी दिखाई देगी, आख़िर इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी, इसे किसने बनाया और अब क्या पुरानी संसद को तोड़ दिया जाएगा?

संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, संसद भवन का काम मोटा-मोटा पूरा हो चुका है और अब प्रधानमंत्री मोदी जी इसका उद्घाटन 28 मई 2023 यानी दो दिन बाद करने वाले हैं। संसद भवन को लेकर आप सभी के मन में कई सवाल होंगे, आखिर इसको बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? या फिर इसमें क्या नई-नई फैसिलिटीज जुड़ने वाली हैं।

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जानिये अपनी नई संसद की खूबियां [New Indian Parliament House]

• त्रिकोणीय आकार का नया संसद भवन, जो नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप है।

• त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्र करीब 64,500 वर्ग मीटर है, जिसमें कुल छह द्वार हैं, इसमें तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार, इसमें वीआइपी, सांसद और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे।

• नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हाल, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।

• लोकसभा कक्ष में राष्ट्रीय पक्षी मोर की अद्भुत कलाकृति तो राज्यसभा कक्ष में राष्ट्रीय पुष्प कमल की कलाकृति सदन के सौंदर्य को निखार रही है।

• करीब 971 करोड़ रुपये के अनुमानित लागत से बने नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के तो राज्यसभा कक्ष में 348 सदस्यों के बैठने की क्षमता है। संसद के संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा कक्ष में 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।

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​नया संसद भवन होगा वायु और ध्वनि प्रदूषण फ्री

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नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बता दें, इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग दफ्तर होगा, उनके कार्यलय को पेपरलेस ऑफिस बनाने के लिए नई डिजिटल इंटरफेस से लैस किया गया है। इस नई इमारत में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की जगह भी होगी

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New Parliament Building: इतना आलिशान है नया संसद भवन! सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी फेल
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संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, संसद भवन का काम मोटा-मोटा पूरा हो चुका है और अब प्रधानमंत्री मोदी जी इसका उद्घाटन 28 मई 2023 यानी दो दिन बाद करने वाले हैं। संसद भवन को लेकर आप सभी के मन में कई सवाल होंगे, आखिर इसको बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? या फिर इसमें क्या नई-नई फैसिलिटीज जुड़ने वाली हैं।
तो बता दें, साल 1927 में पुराने संसद भवन का निर्माण किया गया था, उस समय वहीं सुविधाएं रखी गई जिनकी जरूरत थी, लेकिन आज कई चीजों का अभाव दिखने लगा है। इन सबको देखते हुए 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्‍यास रखा था। चलिए जानते हैं, न्यू पार्लियामेंट की कुछ फैसिलिटीज के बारे

नए संसद भवन में लोकसभा  के 888 और राज्यसभा के 348 संसद बैठ सकते हैं, अगर दोनों सदनों की एक साथ बैठक होती हैं, तो एक समय में यहां 1,272 सांसद बैठ सकेंगे। अभी वर्तमान संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

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संसद भवन का सफर

12 फरवरी, 1921 : ड्यूक ऑफ कनॉट ने संसद भवन की आधारशिला रखी, जिसे उस समय काउंसिल हाउस कहा गया
18 जनवरी, 1927: तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन  किया
19 जनवरी, 1927 : केंद्रीय विधानसभा के तीसरे सत्र की पहली बैठक हुई
9 दिसंबर, 1946 : संविधान सभा की पहली बैठक आयोजित की गई।
14/15 अगस्त, 1947 : संविधान सभा के मध्यरात्र सत्र में सत्ा का हस्तांतरण।
13 मई, 1952 : दोनों सदनों की बैठक
3 अगस्त, 1970 : राष्ट्रपति वीवी गिरी ने संसद एनेक्सी की आधारशिला रखी

3 अगस्त, 1970 : राष्ट्रपति वीवी गिरी ने संसद एनेक्सी की आधारशिला रखी
24 अक्टूबर, 1975 : त्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया
15 अगस्त, 1987 : तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने पुस्तकालय की आधारशिला रखी
7 मई, 2002 : तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने संसद के पुस्तिकालय भवन का उद्घाटन किया
31 जुलाई, 2017 : पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद एनेक्सी एक्सटेंशन का उद्घाटन किया

10 दिसंबर, 2020 : पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी
28 मई, 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया

लोकसभा कक्ष में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की जगह है। संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,272 सदस्यों को बैठाया जा सकता है।

डाक टिकट और सिक्का जारी

नए संसद भवन के उदुधाटन के मोके पर प्रधानमंत्री ने लोकसभा कक्ष में आयोजित समारोह में एक स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का जारी किया। सिक्का
44 मिली मीटर  व्यास के साथ गोल आकार वाला है। 35 ग्राम वजन का यह सिक्का चार धातुओं से बना है। इसमें 50% चांदी, 40% तांबा, 5% निकिल और 5% जस्ता है। सिक्के पर एक तरफ अशोक स्तंभ का सिंह है और उसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। बायीं ओर देवनागरी लिपि में भारत और दायीं तरफ औंग्रेजी में इंडिया लिखा है।दूसरी तरफ संसद की तस्वीर और देवनागरी में संसद संकुल और नीचे अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स और वर्ष 2023 लिखा है।

FAQ

प्र. भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन कब और किसके द्वारा हुआ ?

उत्तर-भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के  प्रधान मंत्री  श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई 2023 द्वारा किया गया |

प्र .नए संसद भवन बनने मे अनुमानित कितनी लागत आई है 

उत्तर-भारत के नए संसद भवन बनने मे अनुमानित 971 करोड़ लागत आई है

प्र.नए संसद भवन मे कितने लोगों को बैठने की व्यवस्था है 

उत्तर-भारत के नए संसद भवन मे लोकसभा के   888 और राज्यसभा के 348 संसद बैठ सकते हैं

प्र . भारत के पुराने संसद भवन मे कितने समय तक संसद संचालित की गई 

उत्तर- 96 साल 

प्र. भारत के नए संसद भवन का आकार कैसा है 

उत्तर-भारत के नए संसद भवन  त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्र करीब 64,500 वर्ग मीटर है

प्र. कितने महीने मे बनकर तैयार हुआ भारत का नया संसद भवन ?

उत्तर – भारत के नए संसद भवन को बनने मे 22 महीने का समय लगा

 

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